Housefull 4 Movie Review, Release and Ratings : कहानी लंबी है। बहुत बहुत लंबी। समझ लीजिए कि छह सौ बरसों में फैली है इस फिल्म की कहानी। ये १४१९ में शुरू होती है और 2019 तक खींची चली आई है। अब तो साफ हो गया होगा कि उसमे पुनर्जन्म का मामला है। और सिर्फ एक या दो लोगों का नहीं। तीन प्रेमी हैं और तीन प्रेमिकाएं हैं। दो खलनायक और दो जोकर। इसके अलावा एक पिता। कुल मिलाकर 11 लोगों का पुनर्जन्म होता है। इसमें पुराने वक्त की वो लड़ाई है जो घोड़ों पर सवार होकर तलवारों से लड़ी जाती थी। पर इसमें आज के दौर की माफियागिरी भी है। लेकिन इस सब का कुल जमा ये है कि ये शुरू से आखिर तक हसाती ही हंसाती है। जिसको माइंड लेस कॉमेडी कहते है वो है हाउसफुल 4। जबरदस्त चुटकुलेबाजी है इसमें। ऐसी हंसी जिसमें बेसिरपैर की बातें होती हैं पर आप ठहाके लगते है।

हैरी (अक्षय कुमार), मैक्स (बॉबी देओल) और रॉय (रितेश देशमुख) लंदन में रहते हैं और हेयर कटिंग सैलून चलाते हैं। हैरी जोर की आवाज सुनते ही सबकुछ भूल जाता है। इसी कारण लोग उसे बेवकूफ बनाते रहते हैं। हैरी की इसी भुलक्कड़ी की वजह से एक माफिया डॉन के करोड़ों रुपए लौटाने है। तीनों मिलकर एक रईस ( रंजीत) की तीन बेटियों को पटाने की योजना बनाते हैं। तीनों लड़कियां – कृति सैनान, कृति खरबंदा, पूजा हेगड़े – पट भी जाती हैं। शादी हिंदुस्तान में होने का फैसला होता है। सितम गढ़ में। आज भले सितम गढ़ किसी नक्शे पर ना मिले पर इससे किसी को इंकार करना मुश्किल होगा कि छह सौ साल पहले था।

बहरहाल सितम गढ़ पहुंचने पर पहले हैरी को मालूम होता है वो छह सौ साल पहले बाला नाम का राजकुमार था और मैक्स धर्मपुत्र नाम का अंगरक्षक और रॉय एक नृत्य गुरु था। बाला के सिर पर बाल नहीं उगे इसलिए उसे मनोवैज्ञानिक समस्या भी थी। लड़कियां तब भी बहनें थी और इन तीनों से उनकी शादी होने वाली थी। पर जोड़ियां अलग थी। अब बाला यानी हैरी के सामने चुनौती ये है कि बाकी लोगों को याद कैसे दिलाए कि पिछले जन्म में क्या हुआ था और जोड़ियां कैसे ठीक की जाएं कि वही लड़के – लड़की की शादी इस जन्म में भी हो जिनकी छह सौ साल पहले होने वाली थी। यानी जम के रफुगीरी करनी पड़ी है निर्देशक और पटकथा लेखकों को।

फिल्म में गाने के दृश्यों में काफी लोगों का इस्तेमाल हुआ है। गाने भी मनोरंजन से भरपूर है। दृश्य हंसाने वाले है। ग्राफिक्स के सहारे शेर भी बनाए गए है जिनको गामा ( राणा डग्गुबाती) अपने हाथों से मारता है। फिल्म में बाबाजी भी है और नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी इसमें बाबा बने है। एक दम हंसोड़ बाबा जो उल्ट पैरो पर चलता है पर सीधे पैरो पर नाचता है। अक्षय कुमार अपनी पिछली कई हास्य भूमिकाओं की तरह अपने में मनोरंजन के डबल डोज हैं।