Gul Makai Movie Review, Rating: ये पाकिस्तान की उस मलाला यूसूफजाई पर बनी बायोपिक फिल्म है जिसने वहां के कट्टरपंथी और तालिबनी मुसलिमो के खिलाफ आवाज बुलंद की। इसके लिए उसे गोली भी मारी गई हालांकि वो बच गई। बाद में मलाला को नोबल पुरस्कार भी मिला और अपने साहस के लिए उसे पूरी दुनिया में सराहा भी गया। विषय अच्छा है लेकिन जिस ढंग से मलाला की कहानी को दिखाया गया है वो बोरियत और ढीलेपन से भरा हुआ है।

ये उन उदाहरणों में शामिल होगी कि `अच्छे विषयों पर खराब फिल्म कैसे बनाते हैं’। रीम शेख ने मलाला की भूमिका निभाई है। अतुल कुलकर्णी और दिव्या दत्ता ने क्रमश; उसके माता पिता की। फिल्म पाकिस्तान के उस स्वात घाटी पर केंद्रित है जो पाकिस्तान मे है। स्वात घाटी प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है लेकिन उसे तालिबानी आतंकवादियों ने ऐसी जगह में बदल दिया जो औऱतों के लिए बेहद कैद की तरह था।

यानी जहां की लडकियों के पढ़ने लिखने पर रोक लगा दी गई और औरतों को बुर्को में रहना अनिवार्य कर दिया है। टीवी देखने पर पाबंदी लगा दी गई स्कूल भी बंद कर दिए गए। बंद ही नहीं किया गया बल्कि उनमें आग लगा दी गई। ऐसे में मलाला वो आवाज बनी जो मानवीय अधिकारों के लिए सचेत करती है और बेखौफ हो जाने के लिए प्रेरित भी। पर काश ये सब प्रभावशाली ढंग से पर्दे पर आ पाता! फिल्म एक दम सतही है। ये ओम पुरी की आखिरी फिल्म है। हालांकि वे एक दो सीन मे ही दिखे हैं।

गुल मकई रिव्यू: 1*
गुल मकई निर्देशक– अमजद खान
गुल मकई कलाकार-रीम शेख, अतुल कुलकर्णी, दिव्या दत्ता