यह कहानी एक लड़के की है, जिसका नाम है नूर (आदित्य रॉय कपूर)। वह श्रीनगर में रहता है, जिसकी सुंदरता को फिल्म में बेहद खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है। फिल्म में अजय देवगन ने आतंकवादी का किरदार का निभाया है, जो कि नूर के पास आधी रात को पहुंचता है और मदद मांगता है। नूर उसकी मदद करने में जरा भी देर नहीं करता। फिर एक दिन नूर की मुलाकात फिरदौस (कैटरीना कैफ) से होती है। लेकिन वह कभी उसे भूल नहीं पाता।
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दोनों जवान होते हैं, मुलाकात होती है और फिर कई कहानियां और कई किरदार जुड़ते चले जाते हैं। कहानी कश्मीर से दिल्ली और दिल्ली से लंदन होते हुए फिर कश्मीर आती है। पूरी प्रेम कहानी में जो चीज दिल में रच-बस जाती है वह कश्मीर की खूबसूरती है। चाहे वह बर्फ गिरते हुए नजारे हों या बेगम हजरत का बंगला या फिर शिकारे पर जीवन। फिल्म में लारा दत्ता का भी छोटा साल रोल है, जिसमें उन्होंने बढि़या काम किया है।
नूर को एक आम इंसान से रातों-रात बड़ी हस्ती बनते दिखाया गया है। लेकिन फिर भी वह फिरदौस को नहीं भूल पाता है। उसके लिए सबसे कठिन समय तब आता है, जब उसकी बहन की एक ब्लास्ट में मौत हो जाती है और फिरदौस उससे दूर चली जाती है। फिल्म कई सीन ऐसे हैं, जिनके पीछे का बैकग्राउंड नहीं समझ नहीं आता। तब्बू ने एक बार बढि़या अभिनय किया है।