Pukhraj Stone Benefits: ज्योतिष अनुसार पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए पहना जाता है। अगर कुंडली में बृहस्पति बलवान स्थिति में है तो व्यक्ति को समाज, परिवार, करियर हर क्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभावों में बढ़ोतरी करता है जिससे जीवन में सुख समृद्धि आती है। लेकिन पुखराज धारण करने के कुछ नियम होते हैं जिसके बारे में आपको हम यहां बताने जा रहे हैं।

कितने रत्नी पुखराज धारण करना चाहिए? पुखराज का वजह कम से कम 3.25 कैरेट तो होना ही चाहिए। इससे कम वजन का पुखराज असर नहीं करता और आपको ये रत्न कितने रत्ती का धारण करना होगा इस बात की जानकारी किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से जरूर ले लें। कहा जाता है कि पुखराज वजन के अनुसार ही जीवन पर प्रभाव डालता है।

पुखराज धारण करने की विधि:
-इस रत्न को हमेशा अच्छी और प्रतिष्ठित दुकान से ही खरीदें।
-इसे सोने या चांदी में मड़वा कर धारण कर सकते हैं।
-पुखराज अंगूठी धारण करने से पहले इसे गंगाजल या दूध में शुद्ध करने के लिए डाल दें।
-इसके बाद अंगूठी को एक पीले कपड़े में रख दें। ये काम एक दिन पहले यानी बुधवार के दिन करें।
-फिर गुरुवार के दिन सुबह के समय इस अंगूठी को दाहिनी हाथ की तर्जनी उंगली में धारण कर लें।
-ध्यान रखें कि पुखराज रत्न का असर तीन सालों तक रहता है। ऐसे में 3 साल बाद इस रत्न को जरूर बदल लें।
-ध्यान रखें कि अंगूठी की साफ-सफाई करते रहें। अंगूठी पर बिल्कुल भी धूल न बैठने दें। (यह भी पढ़ें- Chanakya Niti: ऐसे लोगों के जीवन में नहीं होती धन-धान्य की कोई कमी, रखें इन बातों का ध्यान)

पुखराज रत्न किसे धारण करना चाहिए और किसे नहीं?
-मेष, कर्क, सिंह, धनु, मीन, वृश्चिक राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। इससे आपको धन और यश की प्राप्ति होने की संभावना रहती है।
-धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पुखराज रत्न सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होता है। क्योंकि गुरु इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह हैं।
-वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ जातकों को पुखराज नहीं पहनना चाहिए।
-पुखराज कभी भी पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया के साथ नहीं पहनना चाहिए।
-अगर बृहस्पति छठें, आठवें व 12वें भाव का स्वामी है तो पुखराज धारण नहीं करना चाहिए। (यह भी पढ़ें- अक्टूबर महीने में इन राशियों को शनि पीड़ा से मिलेगी कुछ राहत, सुधरेगी आर्थिक स्थिति)