हिंदू धर्म में महिलाओं को पूजा करते समय सिर ढकने की सलाह दी जाती है। आपने भी अपने आसपास महिलाओं को अपना सिर ढककर पूजा करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? आखिर इसके पीछे क्या मान्यता है? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि आप जिसका सम्मान करते हों उसके सामने हमेशा सिर ढककर ही जाना चाहिए। इस बात को महिलाओं पर ज्यादा लागू किया जाता है। चूंकि देवी-देवता के सम्मान स्वरूप ही उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इसलिए कहा जाता है कि महिलाओं को पूजा करते समय अपना सिर ढक लेना चाहिए।
सिर ढकने के बारे में यह बात भी कही जाती है कि इससे ध्यान एकाग्रचित रहता है। कहा जाता है कि सिर ढककर देवी-देवता की पूजा करने से ध्यान इधर-ऊधर नहीं भटकता। इससे भक्त काफी आसानी से ईश्वर की भक्ति में मन लगा पाता है। कहते हैं कि ऐसी पूजा का कोई भी लाभ नहीं मिलता जिसमें साधक का मन भक्ति में न लगा हो। वेदों में कहा गया है कि सिर के मध्य में एक केन्द्रीय चक्र पाया जाता है। कहते हैं सिर ढककर ईश्वर की आराधना करने से इस चक्र पर जल्द प्रभाव पड़ता है जिससे कई लाभ होते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सिर ढककर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती। इससे व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में सकारात्मकता बनी रहती है। इस स्थिति में व्यक्ति काफी सरलता से ईश्वर में अपना ध्यान लगा पाता है। पूजा-पाठ के लिए माहौल में सकारात्मकता का होना जरूरी माना गया है। कहते हैं कि सकारात्मक माहौल में ईश्वर की आराधना करने से जल्द शुभ फल प्राप्त होता है।


