देवी-देवता की पूजा में आपने लोगों को लड्डू चढ़ाते देखा होगा। हो सकता है कि आपने भी पूजा में भगवान को लड्डू चढ़ाया हो। लेकिन क्या आपको मालूम है कि पूजा में लड्डू क्यों चढ़ाया जाता है? लड्डू चढ़ाने के क्या लाभ बताए गए हैं? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। लड्डू को लेकर एक धार्मिक कथा प्रचलित है। इसके मुताबिक देवताओं ने अपनी संयुक्त शक्ति से माता पार्वती की श्रद्धा में एक दिव्य लड्डू उत्पन्न किया। शिव-पार्वती के दोनों पुत्र यानी कि कार्तिकेय और गणेश इसकी मांग करने लगे। इस पर पार्वती जी ने कहा कि जो अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करेगा, उसे ही लड्डू मिलेगा। इसके बाद  गणेश जी ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर दी और लड्डू के अधिकारी बन गए। तभी गणेश जी को लड्डू या मोदक चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

ज्योतिष शास्त्र में भी लड्डू के बारे में काफी कुछ बताया गया है। ज्योतिष के अनुसार लड्डू का संबंध बुध ग्रह से है। लड्डू और उसके दानों का गोल आकार उसे बुध से जोड़ता है। ऐसे में लड्डू के सेवन से कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है। लड्डू का स्वाद मीठा होता है। और ज्योतिष शास्त्र में मीठी चीजों का संबंध सूर्य व मंगल से है। साथ ही लड्डू की सुगंध को चंद्रमा से जोड़ा गया है। बता दें कि ज्योतिष में बूंदी वाले लड्डू को सर्वोत्तम माना गया है।

लड्डू से जुड़े कुछ टोटके भी किए जाते हैं। एक टोटके में अपनी उम्र की बराबर संख्या में गणेश जी को लड्डू चढ़ाने के लिए कहा गया है। लड्डू चढ़ाते समय गणेश मंत्र का भी जाप करें। इसके बाद इन लड्डुओं में से एक लड्डू खा लें और बाकी को लोगों में प्रसाद स्वरूप बांट दें। इस टोटके से बेरोजगारी का समस्या दूर होने की मान्यता है।