Sawan 2020: भगवान शिव के पसंदीदा महीने सावन में भक्त उन्हें प्रसन्न करने के तमाम उपाय करते हैं। सावन के सोमवार को श्रद्धालु भोले भंडारी की पूजा-अर्चना में रमे होते हैं। इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी विशेष फलदायी होता है। महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु होने की महादेव व माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए भगवान शिव की अराधना करती हैं और सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखती हैं। लेकिन शिव पूजन को लेकर कई नियम भी हैं जिनसे भक्तों को अवगत रहना चाहिए। माना जाता है कि अविवाहित युवतियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। कुंवारी लड़कियों के लिए शिवलिंग छूना भी वर्जित होता है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या है वजह-

तप न हो भंग: कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कई धार्मिक कारणों का उल्लेख है। माना जाता है कि तप में व्यस्त भगवान शिव की तपस्या में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही, शिवलिंग की परिक्रमा करने से भी अविवाहित युवतियों को मनाही है।

किवदंतियों का ऐसा है मानना: किवदंतियों के अनुसार अविवाहित नारी को शिवलिंग के पास जाने की भी अनुमति नहीं होती है। उनका मानना है कि अगर ये कुंवारी युवतियां शिवलिंग के चारों ओर घूमेंगी तो हो सकता है भगवान शिव के तप में खलल पड़ जाए। ऐसे में कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग के स्पर्श, पूजन व परिक्रमा से बचना चाहिए।

पूजा करने में नहीं है कोई बंदिश: भले ही कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग स्पर्श करने से मना किया जाता है, लेकिन शिव की पूजा करने से कतई रोक नहीं है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर मिलता है और शादी में उत्पन्न हो रहीं रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अविवाहित कन्याएं कई उपाय कर सकती हैं। अविवाहित लड़कियों को भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा, कुंवारी युवतियां लगातार 16 सोमवार का व्रत रखकर भी महादेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं। सावन के महीने में पूरे मन से भगवान शिव की स्तुति करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होने की भी मान्यता है।