हिंदू धर्म में कई सारी मान्यताएं काफी लंबे समय से चली आ रही हैं। इन मान्यताओं पर समय-समय पर सवाल भी उठते रहे हैं। साथ ही कई सारी मान्यताओं के वैज्ञानिक लाभ भी बताए गए हैं। बच्चों को उनके परिवार वालों के द्वारा इन मान्यताओं का पालन करने की सलाह दी जाती रहती है। जैसे कि रात में सोने के बाद सुबह उठने पर अपनी हथेलियों का दर्शन करने की सलाह दी जाती है। इस सलाह के पीछे कई सारी मान्यताएं और लाभ छिपे हुए हैं।

ऐसा कहा जाता है कि सुबह जगने पर अपनी हथेलियों का दर्शन करने से भाग्य पक्ष मजबूत होता है। इससे व्यक्ति को उसके प्रयासों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। यह चीज व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने में सहायक होती है। माना जाता है कि सुबह उठने पर अपनी हथेलियों का दर्शन करने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा व्यक्ति के अंदर उत्साह पैदा करती है। इससे व्यक्ति दिन में अपने द्वारा किए जाने वाले कार्यों को काफी अच्छे से अंजाम तक ले जाता है।

शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि हाथों में ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती जी का वास होता है। हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसलिए सुबह उठने पर हथेलियों को देखने से इन तीनों ही देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। इस दर्शन को सौभाग्य माना गया है। कहा जाता है कि सुबह-सुबह ही इन तीनों देवी-देवातओं का दर्शन हो जाने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को दिन में किए गए उसके प्रयासों में सफलता मिलती है।

शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि मनुष्य के दोनों हाथों में कुछ ‘तीर्थ’ भी होते हैं। इसके मुताबिक चारों उंगलियों के सबसे आगे वाले भाग में ‘देवतीर्थ’ स्थित है। तर्जनी के मूल भाग में ‘पितृतीर्थ’ और कनिष्ठा के मूल भाग में ‘प्रजापतितीर्थ’ मौजूद है। इसके अलावा अंगूठे के मूल भाग में ‘ब्रह्मतीर्थ’ का स्थान पाया जाता है। साथ ही दाहिने हाथ के बीच में ‘अग्न‍ितीर्थ’ और बाएं हाथ के बीच में ‘सोमतीर्थ’ है। उंगलियों के सभी पोरों और संधि‍यों में ‘ऋषि‍तीर्थ’ होने की बात कही गई है। ऐसे में सुबह में इनका दर्शन बहुत ही शुभ फलदायी बताया गया है।