शास्त्रों में धन-वैभव की कामना के लिए देवी लक्ष्मी की आराधना का विधान बताया गया है। देवी लक्ष्मी के हर फोटो में उन्हें कमल के फूल पर विराजमान दिखाया गया है। शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि लक्ष्मी जी कमल के पुष्प पर क्यों विराजमान रहती हैं। कहते हैं कि मां लक्ष्मी के कमल के पुष्प कर बैठने का धार्मिक कारण है। जिसमें एक संदेश भी निहित माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि आखिर देवी लक्ष्मी कमल के फूल पर ही विराजमान क्यों रहती हैं? यदि नहीं, तो यह प्रसंग जानते हैं।
मां लक्ष्मी को धन-धान्य की देवी कहा जाता है। किसी व्यक्ति सीमित धन मिलने के बाद भी अगर वह और अधिक धन की कामना करता है तो उसका पतन होना शुरू हो जाता है, ऐसी मान्यता है। कहते हैं कि धन की मोह-माया में फंसकर वह गलत रास्ते पर चला जाता है और वह अपने जीवन का अंत कर लेता है। माता लक्ष्मी जिस फूल पर विराजमान हैं वह कमल अपनी सुंदरता, कोमलता और गुणों के लिए विख्यात है। कीचड़ में खिलने के बावजूद भी वह अपने ऊपर गंदगी को हावी नहीं देती है।
देवी लक्ष्मी भी जो कमल पर विराजित हैं वह यही संदेश देती है कि वह उन्हीं लोगों पर अपनी कृपा बरसाएगी जो कीचड़ और गंदगी जैसे समाज में रहकर भी अपने आप को निर्मल और पवित्र बनाए हुए हैं। माना जाता है कि इस प्रकार के लोगों से देवी लक्ष्मी हमेसा प्रसन्न रहती है। जिस व्यक्ति को पर्याप्त से भी अधिक धन की प्राप्ति हो जाती है उसे कमल की पुष्प की तरह अधार्मिक कामों से दूर रहना चाहिए। जिस प्रकार कमल के फूल पर विराजमान देवी लक्ष्मी को जरा भी घमंड नहीं है, उसी प्रकार अधिक धन की प्राप्ति हो जाने के बाद भी व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए।


