हिंदू धर्म में मंत्र जप करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि मंत्र जप करने से व्यक्ति सीधे ईश्वर से जुड़ जाता है। और उस पर ईश्वर की कृपा बरसती है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति के ऊपर ईश्वर की कृपा होती है उसे अपने जीवन में कभी भी किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। हालांकि मंत्र जप करने और ईश्वर से जुड़ने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी माना गया है। प्रतिदिन अलग-अलग जगह पर बैठकर मंत्र जप करना गलत माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को ईश्वर से जुड़ने में दिक्कतें आती हैं। पुराने समय में ईश्वर की आराधना करने वाले ऋषि एक ही जगह पर बैठकर प्रभु का नाम लिया करते थे। इससे ईश्वर से उनका जुड़ा आसानी से हो जाती था।

कहते हैं कि एक ही जगह पर बैठकर मंत्र उच्चारण करने से शक्ति पिंड की एक श्रंखला तैयार हो जाती है। इस श्रंखला से व्यक्ति से शक्तियों की प्राप्ति होने की बात कही गई है। मंत्र जप करते समय ईश्वर में ध्यान लगाना बहुत जरूरी है। मंत्र जप करने वाली जगह पर शांति होनी चाहिए। इससे ध्यान भटकने की संभावना काफी कम हो जाती है। साथ ही मंत्र जप के समय बातें करना पाप माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से ईश्वर नाराज हो सकते हैं।

इसके साथ ही मंत्र जप करते वक्त स्वच्छता का होना भी बहुत जरूरी है। कहा जाता है कि मंत्र जप के स्थान पर गलती से भी गंदगी नहीं होनी चाहिए। मालूम हो कि पूजा या मंत्र जप करते समय मन में लालच भाव नहीं होना चाहिए। माना जाता है कि ऐसी स्थिति में भगवान कभी भी उस प्रार्थना से प्रसन्न नहीं होते हैं। पूजा या मंत्र जप का उचित फल पाने के लिए भगवान के प्रति त्याग भाव का होना जरूरी माना गया है।