हिंदू देव भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है और उनके कई नामों में से रुद्र एक प्रसिद्ध नाम है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु उनकी प्रतिमा की पूजा करते हैं या उनके लिंग रूप में उनकी अराधना करते हैं। शिवलिंग को साक्षात भगवान शिव का रूप माना जाता है। इसलिए शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का विधान वर्षों से प्रचलित है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक करके कई कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए रुद्राभिषेक की सही विधि जानना जरूरी है। जानिए रुद्राभिषेक करने की क्या है सही विधि।
मान्यता:
रुद्राभिषेक रुद्र और अभिषेक दो शब्दों से मिलकर बना है। रुद्र ‘शिव’ का ही दूसरा नाम है और अभिषेक का अर्थ है ‘स्नान कराना’। इसलिए रुद्राभिषेक का शाब्दिक अर्थ ‘भगवान शिव को स्नान कराना’ है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-शांति आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राभिषेक जन्म कुंडली में बैठे शनि से आपकी रक्षा करता है। साथ ही यह परिवार में खुशी, धन और सफलता लाने के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
किससे हो रुद्राभिषेक:
शास्त्रों में शिव का अभिषेक करने के लिए बहुत व्यवस्थित विधियां बताई गई हैं। इसके अनुसार आपके मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव होना आवश्यक है। साधारण रूप से महादेव का रुद्राभिषेक गंगाजल से करना चाहिए। इसके अलावा, रुद्राभिषेक करने के लिए दूध, दही, सरसों तेल, शहद आदि कई सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।
रुद्राभिषेक करने की विधि:
1. सबसे पहले भगवान शिव के स्वरूप का ध्यान करें।
2. तांबे के बर्तन में दूध लेकर उसके चारों तरफ कुमकुम का तिलक करें।
3. ‘ॐ श्री कामधेनवे नम:’ मंत्र का जाप करते हुए बर्तन पर मोली बांधें।
4. भगवान शिव के प्रिय मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करते हुए शिवलिंग पर पुष्प अर्पित करें।
5. दूध की पतली धार गिराते हुए शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते समय ‘ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम:’ मंत्र का जाप करें।
6. इसके बाद साफ जल से शिवलिंग को धोकर साफ वस्त्र से पोछें।