भारत देश में कई चमात्कारिक बाबा और सिद्ध पुरुष हुए हैं। उनमें से ही एक नाम आता है देवरहा बाबा का। बताया जाता है देवरहा बाबा लोगों के मन की बात बिना बताए ही जान लेते थे। साथ ही देश-विदेश के अनेक बड़े राजनेता, नौकरशाह बाबा के पास आशीर्वाद लेने आते थे। जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर वाजपेयी तक शामिल थे। साथ ही बताया जाता है सन 1911 में जॉर्ज पंचम भी देवरहा बाबा का दर्शन करने उनके आश्रम में आए थे। आइए जानते हैं देवरहा बाबा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

जानिए क्यों देते थे पैर से आशीर्वाद:
बाबा भक्तों को हाथ से नहीं पैस से आशीर्वाद देते थे। देवरहा बाबा से जब एक साक्षात्कार में पूछा गया कि वो पैर से क्यों आशीर्वाद देते हैं तो उन्होंने बताया कि चरणों में तीर्थ है। इसलिए पैर से ही आशीर्वाद देता हूं।

धरती से ऊपर रहने का कारण?
देवरहा बाबा एक मचान पर रहते थे। देवरहा बाबा से जब पूछा गया कि वो धरती से इतने ऊपर क्यों रहते हैं। तो उन्होंने बताया कि शिला, अग्नि और जल से चार हाथ ऊपर रहना चाहिए। इस वजह से मैं मचान बनाकर रहता हूं।

कांग्रेस को दिया था पंजा का निशान:
साल 1977 में जब कांग्रेस पार्टी की आम चुनावों में करारी हार हुई थी। तब इंदिरा गांधी देवरहा बाबा से ही आशीर्वाद लेने पहुंची थीं। तब बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया था। जिसके बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा कर दिया। तब कांग्रेस ने हाथ के पंजा चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ा और शानदार जीत भी हासिल की थी।

जानवरों और पक्षियों की भाषा को भी समझते थे:
देवरहा बाबा के भक्त बताते हैं कि बाबा जल पर भी चलते थे, उन्हें प्लविनी सिद्धि प्राप्त थी। किसी भी स्थान पर पहुंचने के लिए उन्होंने कभी सवारी नहीं की। मान्यता है कि मचान पर कोई प्रसाद नहीं होने के बाद भी वह भक्तों को अपने हाथ से प्रसाद वितरित किया करते थे। साथ ही भक्तों के अनुसार वह जानवरों और पक्षियों की भाषा को भी समझते थे। साथ ही जंगली जानवरों को अपने वश में कर लेते थे।