Jyotish Shastra: नकारात्मक ऊर्जा कई रूपों में हमारे जीवन में प्रवेश कर सकती है जैसे बुरी नजर, क्रोध, भय, तनाव, निराशा आदि। ये शक्तियां व्यक्ति की मानसिक शांति, आत्मबल और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। अध्यात्म, मनोविज्ञान और ज्योतिष के अनुसार कुछ लोग विशेष रूप से इन प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसका कारण उनका मनोबल, जीवनशैली और ग्रहों की स्थिति हो सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन व्यक्तियों को नकारात्मक शक्तियां जल्दी प्रभावित करती हैं…
अधिक चिंता करने वाले लोग
वैसे लोग जो हर बात को लेकर अधिक सोचते हैं या हर परिस्थिति में नकारात्मक पहलू ही पहले देखते हैं, वे नकारात्मक शक्तियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। अत्यधिक सोचने की यह आदत व्यक्ति की मानसिक स्थिति को कमजोर कर देती है। ऐसी स्थिति में नकारात्मक ऊर्जा उन्हें आसानी से प्रभावित कर सकती है और मानसिक रूप से और भी अधिक कमजोर बना सकती है।
अविश्वास और निराशा से घिरे लोग
जो लोग जीवन में हर बात को लेकर निराश रहते हैं और किसी पर विश्वास नहीं कर पाते, वे भी नकारात्मक ऊर्जा के शिकार जल्दी बनते हैं। जब व्यक्ति निराशा, असंतोष और शंका जैसे भावों में डूबा रहता है, तो उसका मानसिक स्थिति कमजोर होने लगता है। यह कमजोरी नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करती है और धीरे-धीरे व्यक्ति की सोच और व्यवहार को प्रभावित करने लगती है।
राहु-केतु और शनि का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु या शनि का प्रभाव अधिक हो, विशेषकर यदि ये ग्रह अशुभ भावों में स्थित हों तो उस व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियों का असर जल्दी होता है।
धार्मिक आस्था से दूर रहने वाले लोग
जो व्यक्ति धर्म, आस्था और आध्यात्मिक गतिविधियों से दूर रहते हैं, वे भी नकारात्मक शक्तियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। जब किसी के जीवन में पूजा-पाठ, ध्यान, साधना या सत्संग जैसी सकारात्मक गतिविधियों की कमी होती है, तो उसकी मानसिक और आत्मिक शक्ति कमजोर हो जाती है। धार्मिक आस्था और साधना से व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनता है, जो उसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
अति संवेदनशील और भावुक लोग
अति संवेदनशील या फिर जो लोग लंबे समय से अकेलेपन या असुरक्षा से जूझ रहे होते हैं, वे भी नकारात्मक शक्तियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे लोग अपने भीतर एक खालीपन महसूस करते हैं, जिसे भरने की कोशिश में वे अनजाने में ही नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर लेते हैं। जब आत्मविश्वास कमजोर होता है और व्यक्ति को अपने जीवन या संबंधों में स्थिरता नहीं मिलती, तो उसकी मानसिक स्थिति कमजोर पड़ जाती है।
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