Kise Nahi Pehanna Chahiye Kachua Ring: आजकल कछुए की अंगूठी का चलन काफी बढ़ गया है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसे फैशन के तौर पर पहनने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पहनने से जिंदगी में खुशहाली और धन भी आ सकता है? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कछुए की अंगूठी बहुत शुभ मानी जाती है। इस अंगूठी को भगवान विष्णु के कच्छप अवतार का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में इस रत्न को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा तो बरसेगी ही इसके साथ ही जीवन में चल रही परेशानियों का अंत भी होगा। हालांकि इसके पहनने के कुछ नियम भी होते हैं, अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो इससे जातक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं रत्न शास्त्र के अनुसार, कुछ राशि वाले जातकों को इस अंगूठी को धारण बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कौन सी राशियों को कछुए की अंगूठी नहीं पहहनी चाहिए साथ ही जानिए इसके धारण करने के नियम।
ये राशियां न धारण करें कछुए की अंगूठी
यूं तो कछुए की अंगूठी के कई फायदे हैं, लेकिन सभी राशियों के लिए इसे पहनना शुभ नहीं माना गया है। रत्न शास्त्र के अनुसार, मेष, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को कछुए की अंगूठी पहनने से बचना चाहिए। क्योंकि ये राशियां जल तत्व की राशियां मानी जाती हैं। ऐसे में कछुए की अंगूठी पहनने से उनकी शीतलता और बढ़ सकती है, जिससे उनका स्वभाव और भी गुस्सैल हो सकता है। इसके अलावा, ये अंगूठी इन राशियों के लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर डालती है। इसलिए इन राशियों को इस अंगूठी को धारण नहीं करना चाहिए।
ये राशियां पहन सकते हैं कछुए की अंगूठी
रत्न शास्त्र के अनुसार, वृषभ और मकर राशि के लोग कछुए की अंगूठी पहन सकते हैं। इन राशियों के लोगों के लिए यह अंगूठी बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसे धारण करने से उन्हें काफी लाभ मिलेगा साथ ही इस अंगूठी को पहनने से धन और सुख-समृद्धि बढ़ती है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इसके अलावा, प्रेम जीवन में भी सुधार होता है।
कछुए की अंगूठी पहनने के नियम
कछुए की अंगूठी पहनते समय आपको कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए तभी आपको इसका फल मिलेगा। कछुए की अंगूठी हमेशा चांदी की ही पहननी चाहिए। साथ ही कछुए की पीठ पर ‘श्री’ का निशान होना चाहिए। इसे धारण करने से पहले पंचामृत से स्नान करवाएं फिर गंगाजल से धोकर पहनें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुंह हमेशा आपकी ओर होनी चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति में यह अंगूठी ज्यादा लाभ देती है।
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