ज्योतिष में कुछ ऐसे ग्रह होते हैं जिनकी जब दशा या अंतर्दशा बेहद अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब इन ग्रहों की दशा या अंतर्दशा आ जाती है तो जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। साथ ही कभी-कभी इन दशाओं में व्यक्ति को मृत्यु का भी सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के हिसाब से इन ग्रहों को मारक ग्रह या मरकेश कहते हैं। क्या है मारक ग्रह? आखिर मारक ग्रह कौन-कौन से होते हैं? किस लग्न में कौन-कौन से ग्रह मारक होते हैं। इसे जानते हैं।

हर व्यक्ति की कुंडली में तीन प्रकार के ग्रह होते हैं- शुभ, अशुभ और सामान्य। अशुभ ग्रह दो तरह के होते हैं- एक जो नुकसान करते हैं और दूसरे जो मारक होते हैं। मारक ग्रहों की जब दशा आ जाती है तो कुंडली में समस्या पैदा होती है। कुंडली में संघर्ष पैदा हो जाता है और इन ग्रहों की दशा में या तो मृत्यु होती है या मृत्यु तुल्य कष्ट होता है। बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जब कुंडली में मारक दशा आ जाती है। हर लग्न के लिए अलग-अलग मारक ग्रह होते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इनकी दशों में अगर सावधानी न राखी जाए। साथ ही इनका उपाय न किया जाए तो इसके परिणाम बहुत गंभीर होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष लग्न में दो ग्रह मारक होते हैं। इसमें एक शुक्र और दूसरा बुध होता है। वृषभ लग्न में दो ग्रह मारक होते हैं, चंद्रमा और बृहस्पति ये वृष लग्न में मारक होते हैं। कर्क लग्न में शुक्र और शनि मारक ग्रह माने जाते हैं। सिंह लग्न में शनि और बुध मारक ग्रह माने गए हैं। अगर कन्या लग्न की बात करें तो इसमें भी दो ग्रह मारक होते हैं। एक मंगल और दूसरा चन्द्र होता है। वहीं तुला लग्न में बृहस्पति और मंगल मारक होते हैं। वृश्चिक लग्न में बुध और शक्र ये दो मारक ग्रह होते हैं। धनु लग्न में शुक्र और शनि मारक होते हैं। मकर लग्न में चंद्र और सूर्य दोनों मारक ग्रह होते हैं। अगर कुंभ लग्न है तो सूर्य और बृहसपति यहां मारक होते हैं। इसके अलावा यदि किसी जातक का लग्न मीन है तो यहां शुक्र और शनि दोनों मारक ग्रह होते हैं।