वास्तु शास्त्र में किचन से संबंधित कई टिप्स बताए गए हैं। इनसे किचन की नकारत्मक ऊर्जा के खत्म होने की बात कही गई है। साथ ही इससे घर में खुशहाली आने की भी मान्यता है। रसोईघर में धन की देवी लक्ष्मी का वास माना गया है। कहते हैं कि यदि घर का किचन वास्तु के हिसाब से हो तो परिवार पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है। क्या आप जानते हैं कि वास्तु के मुताबिक घर का किचन किस दिशा में होना चाहिए? साथ ही किस दिशा में स्थित किचन का घर के लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है? यदि नहीं तो चलिए जानते हैं कि किस दिशा में घर का किचन होना बेहद शुभ माना गया है।
आग्नेय कोण में रसोई: आग्नेय कोण दक्षिण और पूरब का कोना होता है। वास्तु शास्त्र ऐसा कहता है कि जिस घर का किचन अग्नि कोण में हो उस घर की महिलाओं का स्वास्थ्य काफी अच्छा रहता है। साथ ही वे मानसिक तौर पर प्रसन्न रहती हैं। इसके अलावा घर में आने वाली खुशियां भी बाधित नहीं होती हैं।
नैऋत्य कोण में रसोई: दक्षिण-पश्चिम का कोना नैऋत्य कोण कहा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर का रसोई इस दिशा में होता है, उस परिवार के लोगों की उर्जा हमेशा बरकरार रहती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।
पश्चिम दिशा में रसोई: वास्तु के अनुसार इस दिशा में किचन स्थित होने की वजह से घर की मुख्य महिला सारी खुशियां हासिल करती है। बहू-बेटियों के साथ उसके संबंध अच्छे रहते हैं। घर में अन्न की बर्बादी तो होती है लेकिन पारिवार में आपसी तालमेल अच्छा रहता है।
उत्तर दिशा में रसोई: घर के उत्तर दिशा में रसोई का होना, उस घर की महिलाओं को बुद्धिमान बनाता है। इसके अलावा उस घर के पुरुष सरल स्वभाव के होते हैं और उन्हें व्यापार में लाभ मिलता है। ऐसा वास्तु शास्त्र में कहा गया है।


