Dev Uthani Ekadashi 2019 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Vrat Katha, Samagri: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। देवोत्थान एकादशी के दिन चातुर्मास का समापन होता है। जिसके बाद से सभी शुभ कार्य जैसे मुंडन, उपनयन और विवाह आदि मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाता है। इस बार देवोत्थान एकादशी 08 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु सहित अन्य देवताओं की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु अपने शरीर में कुछ आभूषण और शस्त्र धारण किए हुए हैं जिसे पुरानों खास महत्व दिया गया है।

कौस्तुभ मणि: इसे भगवान विष्णु धारण करते हैं। इस मणि के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन के बाद प्राप्त हुआ है। यह चौदह मूल्यवान वस्तुओं में से एक था। यह मणि बहुत ही चमकीली थी। कहते हैं कि जहां भी यह मणि होती है वहां किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा का भय नहीं रहता है। कौस्तुभ मणि भगवान विष्णु के मुकुट पर विराजमान है।

सुदर्शन चक्र: भगवान विष्णु अपने ऊपर के दाएं हाथ में सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं। यह सात्विक अहंकार को दर्शाता है। सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु का अमोघ अस्त्र है। इसे भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण के अवतार में धारण किया था। पुराणों में वर्णन मिलता है कि इस चक्र ने देवताओं की रक्षा की और राक्षसों के संहार में महती भूमिका निभाया था।

शंख: भगवान विष्णु अपने हाथ में दक्षिणावर्ती शंख धारण किए हुए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय शंख निकला था जिसे भगवान विष्णु ने धारण किया। इस शंख के बारे में मान्यता है कि इसे बजाया नहीं जाता है। इसे सबसे अधिक शुभ माना जाता है।

श्रीवत्स: ब्रह्म पुराण में विष्णु के वक्षस्थल पर श्रीवत्स के चिन्ह का वर्णन मिलता है। श्रीवत्स के चिन्ह कारण ही ब्रह्म पुराण में भगवान विष्णु को श्रिया युक्त भी कहा गया है। इनके अनेक नामों में श्रीपति, श्रीधर, श्रीनवास आदि नाम भी मिलते हैं।

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Dev Uthani Ekadashi 2019: देवोत्थान एकादशी के दिन चातुर्मास का समापन होता है।

गदा: इसे भगवान विष्णु अनादि काल से धारण किए हैं। गदा एक ऐसा शस्त्र है जो निकट के शत्रु को मारने के लिए उपयोग में आती है।

वैजयन्ती माला: यह माला भगवान विष्णु को सुशोभित करती है। वैजयन्ती माला का मतलब होता है विजय दिलाती हुई माला। वैजयन्ती माला की शास्त्रों में बड़ी महिमा है। ये श्री कृष्ण भक्ति प्रदान करने वाली मानी गयी है। इस माला से श्री कृष्ण केमंत्रों का जाप किया जाता है। इसे गले में धारण करना शुभ माना गया है। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य इसे धारण करता है उसे जीवन में शांति एवं सुख की प्राप्ति होती है।

कमल: भगवान विष्णु बाएं हाथ में कमल धारण किए हुए हैं। पुराणों के अनुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं।