Lord Shiva Third Eye: हम सब ने कभी न कभी सुना होगा कि भगवान शिव के पास तीसरी आंख है। ये तीसरी आंख उनके बारे में एक बहुत खास चीज है, लेकिन इसका असल मतलब क्या है? क्या आप जानते हैं कि शिव की तीसरी आंख का क्या काम है और यह कैसे सब कुछ बदल देती है? दरअसल, महाभारत की कहानी में भगवान शिव की तीसरी आंख का वर्णन एक शक्तिशाली और ज्ञानपूर्ण प्रतीक के रूप में किया गया है। यह आंख उनकी भौतिक आंखों से ऊपर स्थित है और ज्ञान, सत्य, और मिथ्या के विनाश की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। एक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख से कामदेव को भस्म कर दिया था। आइए आज हम आपको बताते हैं भगवान शिव की तीसरी आंख का रहस्य।
भगवान शिव की तीसरी आंख का मतलब
भगवान शिव की तीसरी आंख, भौतिक आंखों से बिल्कुल अलग है। आपको बता दें कि भौतिक आंखें का मतलब है कि हर मनुष्य या जीव की वे दो आंखे जिससे कि वो दुनिया को देखते हैं। लेकिन शिव की तीसरी आंख एक ऐसी दिव्य आंख है, जिससे वो भौतिक दुनिया से परे, सिर्फ सत्य और ज्ञान को देख सकते हैं। इसे हम ‘ज्ञान चक्षु’ भी कह सकते हैं। यह आंख हमें हमारे अंदर की गहरी सच्चाई दिखाती है और हमें दिखाती है कि जो हम सामान्य आंखों से नहीं देख सकते, वो क्या है। भगवान शिव की तीसरी आंख सत्य और मोक्ष को देखती है।
तीसरी आंख से विनाश क्यों होता है?
हम अक्सर सुनते हैं कि जब भगवान शिव अपनी तीसरी आंख खोलते हैं, तो विनाश होता है। लेकिन यह विनाश माया और भ्रम का होता है, न कि सृष्टि का। जब शिव की तीसरी आंख खुलती है, तो वो सिर्फ सत्य को देखता है और बाकी सारी भौतिक चीजें, जो भ्रम और माया हैं, उन्हें नष्ट कर देता है। इसलिए, ये आंख विनाश और सृजन दोनों का प्रतीक है यानि कि सिर्फ भ्रम का विनाश और सत्य का प्रकट होना।
भगवान शिव की तीसरी आंख कैसे बनी
भगवान शिव की तीसरी आंख बनने की एक कहानी बहुत प्रसिद्ध है। एक बार भगवान शिव और देवता, ऋषि-मुनि हिमालय पर एक सभा कर रहे थे। तब माता पार्वती ने भगवान शिव की आंखों को ढक लिया, जिससे पूरे ब्रह्मांड में अंधेरा छा गया। इस अंधेरे को दूर करने के लिए शिव ने अपने माथे से तेज प्रकाश निकाला, और इस प्रकाश से उनकी तीसरी आंख प्रकट हुई।
हर मनुष्य के पास है तीसरी आंख
पुराणों में कहा गया है कि हर इंसान के पास एक तीसरी आंख होती है। यह कोई चमत्कारी आंख नहीं, बल्कि एक अंदरूनी शक्ति है। अगर हम अपनी तीसरी आंख को खोलने की कोशिश करें, तो हम जीवन की सच्चाई और असल उद्देश्य को समझ सकते हैं। यह आंख हमें जीवन को एक नए नजरिए से देखने की शक्ति देती है और हमें बताती है कि असली ज्ञान केवल भौतिक चीजों से नहीं मिलता, बल्कि आत्मा और सत्य से मिलता है।
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