Weekly Vrat Tyohar 14 to 20 August 2023: श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के साथ  अगस्त माह के तीसरे सप्ताह की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही सावन सोमवार होने के साथ अधिक मास की आखिरी शिवरात्रि भी पड़ रही है। इसके साथ ही ये सप्ताह काफी खास है, क्योंकि इस सप्ताह अधिक मास का समापन हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह सिह संक्रांति, दर्श अमावस्या, हरियाली तीज से लेकर विनायक चतुर्थी पड़ रही है। देखें हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

अगस्त मास के तीसरे सप्ताह के व्रत त्योहार

14 जुलाई 2023, सोमवार- सावन सोमवार व्रत, अधिक मास शिवरात्रि व्रत

श्रावण मास के हर सोमवार के दिन को सावन सोमवार कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। आज के दिन बाबा का जलाभिषेक करने के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाना शुभ हो सकता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही सोमवार को अधिक मास का आखिरी शिवरात्रि पड़ रही है। अब ऐसा संयोग करीब 3 साल के बाद पड़ेगा। आज के दिन मां पार्वती की भी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

15 अगस्त 2023 मंगलवार- श्रावण अधिक मंगला गौरी व्रत, दर्श अमावस्या, स्वतंत्रता दिवस,

सावन मास के हर एक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन मां पार्वती ती विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। सुहागिन महिलाएं पति और बच्चों की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उत्तम भविष्य के लिए व्रत रखकर मां गौरी की विधिवत पूजा करते हैं।

दर्श अमावस्या 2023

हिंदू  पंचांग के अनुसार, इस बार दर्श अमावस्या 15 अगस्त, मंगलवार को पड़ रही है। इसे अधिक मास दर्श अमावस्या भी कहा जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस 2023

इस बार 15 अगस्त को देश 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। बता दें कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था।

16 अगस्त, बुधवार- अधिक मास अमावस्या, अधिक मास का समापन

अधिक मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह तीन साल के बाद आती है। इस दिन स्नान-दान करने के साथ पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करना शुभ माना जाता है।

अधिक मास का समापन

बुधवार से अधिक मास का समापन हो रहा है। इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार अधिक मास 3 साल के बाद आते हैं।

17 अगस्त, गुरुवार- सूर्य की सिंह संक्रांति

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर एक मास सूर्य किसी न किसी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य का राशि बदलने को संक्रांति कहा जाता है। इसके साथ ही वह जिस राशि में प्रवेश करते हैं वह नाम संक्रांति के साथ जुड़ जाता है। ऐसे ही 17 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इसे सिंह संक्रांति कहा जाएगा। इस दिन स्नान के साथ दान करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस दिन संक्रांति का क्षण दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर है। इसके साथ ही सिंह संक्रांति का पुण्य काल सुबह 06 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक और महापुण्य काल सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक है।

19 अगस्त, शनिवार- हरियाली तीज

सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है।

20 अगस्त , रविवार- विनायक चतुर्थी

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को  विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।