Weekly Vrat Tyohar (5 To 11 September): वैदिक पंचांग अनुसार वर्तमान सप्ताह की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की नवमी/ दशमी तिथि से हो रही है। वहीं नक्षत्र मूल रहेगा। वहीं भाद्रपद पूर्णिमा मतलब 10 तारीख को समाप्त हो जाएगा। साथ ही रविवार 11 सितम्बर से आश्विन कृष्ण पक्ष आरंभ हो जाएगा। साथ ही 8 सितंबर से पंचक भी शुरू रहे हैं जो 13 सितंबर को सुबह समाप्त हो जाएंगे। इस सप्ताह श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं। वहीं इस सप्ताह परिवर्तनी एकादशी, प्रदोष व्रत, ओणम, अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, और प्रतिपदा तथा द्वितीया के श्राद्ध पड़ रहे हैं। इसलिए ज्योतिष के अनुसार इस सप्ताह का विशेष महत्व है।
परिवर्तिनी-पद्मा एकादशी (6 सितंबर, मंगलवार)
शास्त्रों में एकादशी को पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी या जयंती एकादशी नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि चातुर्मास के शयन के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत (8 सितंबर, गुरुवार)
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा शाम को की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र पहनने चाहिए। साथ ही ‘अद्य अहं महादेवस्य कृपाप्राप्त्यै सोमप्रदोषव्रतं करिष्ये’ यह कहकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद शाम को भगवान शिव की पूजा करके, व्रत को खोलना चाहिए। प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
ओणम (8 सितंबर, गुरुवार)
ओणम का पर्व केरल और तमिलनाडु राज्य में आस्था के साथ मनाया जाता है। ओणम का पर्व असुर राजा महाबली के आदर-सम्मान में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के समय पाताल लोक से पृथ्वी पर आते हैं। साथ ही पाताल से पृथ्वी लोक की यात्रा के उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व दस दिनों तक चलता है। ओणम के पहले दिन को ‘अथम’ कहते हैं और अंतिम दिन को ‘थिरुओनम’ कहा जाता है।
अनंत चतुर्दशी (9 सितंबर, शुक्रवार)
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। अनंत भगवान नारायण का नाम है इसीलिए इसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन एक डोरी लेकर उसे हल्दी में रंगे और उसमें 14 गांठें बांधें। इस सूत्र को भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें। अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें।
प्रतिपदा का श्राद्ध (10 सितंबर, शनिवार)
हर साल 15 दिन का पितृ पक्ष आता है। ये दिन पूर्वजों के लिए समर्पित होते हैं। इन दिनों में पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 25 सितंबर को समाप्त होंगे। वहीं सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर को मनाई जाएगी।