Maha Shivratri 2018 Fast: महाशिवरात्रि को भगवान शिव की उपासना का प्रमुख पर्व माना जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि को ही शिवरात्रि या कालरात्रि कहा जाता है। शिव पुराण के ईशान संहिता में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। भगवान शिव की उपासना के लिए इस दिन व्रत करने की परिपाटी है। कुंवारी कन्याएं इस दिन भगवान शिव जैसे वर की इच्छा करते हुए व्रत करती हैं। माना जाता है कि इससे उन्हें सुवर की प्राप्ति होती है। यह भी मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन विवाहित स्त्रियों के व्रत करने से उनके पति का जीवन और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना जल और बेल पत्रों से की जाती है।

शिवरात्रि के व्रत में विशेष भोजन का सेवन किया जाता है। शिवरात्रि में नमक का सेवन नहीं किया दाता है, जिससे पूरे दिन आलस्य रहता है। व्रत रखने वालों को इस दौरान जितना हो सके, फल और जूस का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और शरीर दैनिक कार्यों को पूरा करने के लिए शक्तिशाली रहता है। फलाहार में संतरा, खीरा, पपीता, सेब आदि का सेवन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, व्रत में निम्न खाद्य सामग्री का सेवन भी किया जा सकता है।

मखाना- व्रत में मखाना का इस्तेमाल भी कई तरह से किया जा सकता है। कई लोग मखाने की खीर बनाकर खाना पसंद करते हैं। वहीं, कई लोग घी में फ्राई करके सूखा ही खाना पसंद करते हैं। मखाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। मखाने का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर भी किया जाता है।

आलू- हर व्रत में आलू का सेवन किया जाता है। आलू को उबाल कर और फ्राई करके खाया जा सकता है। पूरे दिन भूखे रहने पर शरीर में कम हुए ब्लड शुगर लेवल और ताकत बढ़ाने में आलू मदद करता है।

कुट्टू का आटा- व्रत के समय फलाहार तो सभी करते हैं, लेकिन कुट्टू के आटे की बनी चीज ना सिर्फ व्रत के दौरान तुरंत ऊर्जा देती है, बल्कि सेहत से जुड़ी परेशानियों को भी दूर करती है।

साबुदाना- जिन लोगों को पाचन की समस्या होती है, उन लोगों के लिए व्रत में साबुदाना सबसे लाभकारी होता है। पेट की परेशानी को दूर करने में भी साबुदाना लाभदायक माना जाता है। ये ऊर्जा से भरपूर होता है।

सिंघाड़े का आटा- सिंघाड़ा शरीर में मैंगनीज का अवशोषण करने में सक्षम होता है, जिससे शरीर को मैंगनीज का भरपूर लाभ मिलता है। इसे पाचन तंत्र के लिए लाभदायक माना गया है।

ठंडाई- दूध से बनी ठंडाई में कैलशियम और प्रोटीन होता है। ठंडाई पेट के लिए अच्छी मानी जाती है। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है। ठंडाई के सेवन से व्रत में खाए तले हुए भोजन से कोई नुकसान नहीं होता है। साथ ही, शरीर में ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है।

कटलेट- सिंघाडे के आटे से बनाया गया कटलेट व्रत में खाना अच्छा माना जाता है। कटलेट में काफी फाइबर होता है।