हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं। गुरुवार भगवान विष्णु का दिन माना गया है। विष्णु जी के बारे में कहा जाता है कि वे जल्दी प्रसन्न नहीं होते। लेकिन यदि गरुवार को सच्ची श्रद्धा के साथ श्री हरि की पूजा की जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं। माना जाता है कि विष्णु जी प्रसन्न होने पर अपने भक्त के जीवन के सभी कष्टों का हर लेते हैं। व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। विष्णु जी की पूजा में आरती का विशेष महत्व है। माना जाता है कि गरुवार को विष्णु जी की आरती करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है। इसे ध्यान में रखते हुए, हम आपके लिए विष्णु आरती लेकर आए हैं।
Vishnu Ji Ki Aarti: यहां पढ़े विष्णु जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
ॐ ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ओम जय…।
जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का
स्वामी दुख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का, ओम जय…।
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा, आश करूँ किसकी, ओम जय…।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी
स्वामी तुम अंतरयामी
परम ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी, ओम जय…।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता
स्वामी तुम पालन करता
दीन दयालु कृपालु, कृपा करो भरता, ओम जय…।
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति
स्वामी सबके प्राण पति
किस विधि मिलूँ दयामी, तुमको मैं कुमति, ओम जय…।
दीन बंधु दुख हरता, तुम रक्षक मेरे
स्वामी तुम रक्षक मेरे
करुणा हस्त बढ़ाओ, शरण पड़ूं मैं तेरे, ओम जय…।
विषय विकार मिटावो पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा, ओम जय…।