Happy Ganesh Chaturthi 2018: भगवान श्री गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौहार्द का देवता माना जाता है। हिन्दू धर्म में कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य भगवान गणेश की स्तुति के बिना अधूरा है। गणेश वंदना के साथ ही किसी नए काम की शुरुआत होती है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश के जन्मदिवस को पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को लेकर सभी लोग सोशल मीडिया पर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दे रहे हैं। कोई मैसेज कर व्यक्तिगत रूप बधाई दे रहे हैं, कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूरे समूह को बधाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक हर जगह इसकी धूम मची है। इस पर्व का सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। आजादी से पहले लोकमान्य तिलक ने पूरे देश की जनता के बीच एकता को बढ़ाने के लिए इस पर्व को मनाने का फैसला किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज के काल में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता था।
हिंदू धर्म के मान्यताओं के मुताबिक आज के दिन ही भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इसके उपलक्ष्य में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है। महाराष्ट्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों में गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन तक गणेशोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने घर में भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और पूरे दस दिन गणेश भगवान की पूजा करते हैं। गणेशोत्सव के आखिरी दिन यानि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति जी का विसर्जन किया जाता है। महाराष्ट्र में यह त्योहार काफी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। लोग अपने घरों में भी गणपति की मूर्तियां स्थापित करते हैं।
इस बार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को पड़ रही है। यह चतुर्थी सालभर की चतुर्थियों में सबसे अहम होती है। इसी दिन भगवान गणेश की मूर्ति घर में स्थापित की जाती है। इसके बाद दस दिन तक घर में भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बताया गया है कि भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और संपन्नता आती है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं, कहा जाता है कि व्रत रखने से भगवान गणेश खुश होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसे में भक्त बड़ी ही श्रद्धाभाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार की चतुर्थी स्वाति नक्षत्र में गुरुवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में जिन लोगों का राहु ठीक नहीं है उनके लिए यह गणेश चतुर्थी शुभ फल प्रदाता हो सकता है। जो लोग बार-बार मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं पाते उनके लिए यह चतुर्थी शुभ है।
भगवान गणेश के जन्म को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक पौराणिक कथा के मुताबिक माता पार्वती ने खुद के शरीर को हल्दी का लेप लगाया गया था। जब उन्होंने अपना लेप हटाया तो उन टुकड़ों से उन्होंने एक मूर्ति बनाई। इसके बाद उन्होंने उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह से भगवान गणेश का जन्म हुआ। इसके बाद वे भगवान शिव और माता पार्वती के बेटे कहलाए जाने लगे। इसके अलावा भी उनके जन्म को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। मालूम हो कि गणेश चतुर्थी का यह शुभ त्योहार महाराष्ट्र, गोवा, केरल और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में काफी जोश के साथ मनाया जाता है।
बता दें कि भगवान गणेश की पूजा के लिए कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बताया जाता है कि भगवान गणेश को लड्डू बहुत पसंद हैं। इसलिए उन्हें लड्डू जरूर चढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें पीले और लाल रंग के फूल बहुत प्रिय हैं। पूजा में इन्हीं रंग के फूलों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। फूल के अलावा भगवान गणेश को दूब या घास अर्पित करें।
