Vidur Niti In Hindi: महात्मा विदुर महान विद्वान थे। वे कुशाग्र बुद्धि वाले थे। इसके साथ ही वह महान विचारक और दूरदर्शी भी थे। आचार्य चाणक्य की तरह ही विदुर जी ने समाज के सुधार के लिए कई नीतियां लिखीं। बता दें कि महात्मा विदुर ने ही महाभारत के युद्ध से पहले ही धृतराष्ट्र को युद्ध के परिणामों के बारे में सब कुछ बता दिया था। धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच का संवाद विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। विदुर नीति में कुछ ऐसी बातों के बारे में भी बताया गया है जिनका पालन करके व्यक्ति सुख-समृद्धि, धन-संपदा से परिपूर्ण होने के साथ सुख-शांति से जीवन बिता सकता है। ऐसे ही विदुर नीति में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिन्हें तुरंत ही त्याग देना चाहिए, वरना ये आपकी खुशियों के साथ-साथ पूरे जीवन में मुश्किलें ला सकते हैं।
श्लोक
षडिमान् पुरुषो जह्यात् भिन्नं नावमिवार्णवे अप्रवक्तारं आचार्यं अनध्यायिनम् ऋत्विजम्।
आरक्षितारं राजानं भार्यां चाऽप्रियवादिनीं ग्रामकामं च गोपालं वनकामं च नापितम्॥
अर्थ
चुप रहने वाले आचार्य, मंत्र न बोलने वाले पंडित, रक्षा में असमर्थ राजा, कड़वा बोलने वाली पत्नी, गांव में रहने के इच्छुक ग्वाले तथा जंगल में रहने के इच्छुक नाई – इन छह लोगों को वैसे ही त्याग देना चाहिए जैसे छेदवाली नाव को त्याग दिया जाता है ।
महात्मा विदुर कहते हैं कि इन 6 लोगों का हमेशा त्याग देना चाहिए।
चुप रहने वाला आचार्य
अगर कोई आचार्य चुप रहेगा, तो वह आपको अच्छी बुरी बातों और जीवन के महत्वपूर्ण पाठों के बारे में बिल्कुल भी नहीं बताएंगा। ऐसे में आपका पूरा जीवन अंधकारमय हो जाएगा, जिससे आप अपने जीवन में कुछ अच्छा नहीं कर पाएंगे और हर तरह से मुश्किलों का ही सामना करना पड़ेगा।
मंत्र न बोलने वाला पंडित
अगर आप किसी ऐसे पंडित से पूजा-पाठ कराते हैं, जो किसी प्रकार के मंत्र को या तो अंदर ही बोल लेते हैं या फिर नहीं बोलते हैं। अगर ऐसा पंडित आपके घर भी आता है, तो तुरंत ही दूरी बना लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे पंडित कभी भी आपकी पूजा ठीक ढंग से नहीं करेंगे, जिससे आपके आराध्य बिल्कुल प्रसन्न नहीं होंगे और आपको किसी भी समस्या से छुटकारा नहीं पाएंगे।
रक्षा में असमर्थ राजा
विदुर जी कहते हैं कि कभी भी ऐसे शहर, गांव, राज्य आदि में नहीं रहना चाहिए। जहां पर वहीं का राजा आपकी रक्षा करने पर असमर्थ है। ऐसे में आपकी जान-माल जाने का हमेशा खतरा बना रहेगा। इसलिए कभी भी ऐसी जगह पर न रहें जहां की कानून व्यवस्था दुरुस्त न हो।
कड़वा बोलने वाली पत्नी
उस घर में कभी भी शांति नहीं होती जहां पर धर्म पत्नी हमेशा कड़वा बोलती है। विदुर ज कहते हैं कि ऐसी पत्नी का तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए, क्योंकि इससे घर में कभी भी सुख-शांति नहीं आ सकती है।
गांव में रहने के इच्छुक ग्वाले
ऐसे ही विदुर जी कहते हैं कि अगर गांव के बाहर गाय चराने वाला यानी कोई ऐसा व्यक्ति जो गांव के बाहर ही रहकर अपने काम को करता है और अचानक से घर पर ही रहने लगे, तो उसका तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए, क्योंकि वह आप आपके लिए केवल भार साबित हो सकता है।
जंगल में रहने के इच्छुक नाई
ऐसे ही गांव यानी घर में जिस व्यक्ति की जरूरत है, लेकिन कठिन समय पर वह आपको छोड़कर बाहर चला जाएं, तो ऐसे व्यक्ति का तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए।
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