Shukra Gochar 2023: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जल्द ही दैत्यों के गुरु शुक्र राशि परिवर्तन करने वाले हैं। शुक्र 30 मई 2023 को कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां पर 7 जुलाई तक रहेंगे। शुक्र के इस गोचर से एक अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। माना जा रहा है कि इस योग के बनने से जातकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, शुक्र के चंद्रमा की राशि में जाने से ‘कारको भाव नाशाय’ नाम का अशुभ योग बन रहा है। जानिए किन राशियों को रहना होगा सतर्क।

क्या होता है कारको भाव नाशाय योग?

इस नाम से ही समझ आ रहा है कि कारको यानी कारक, भाव यानी कुंडली में भाव और नाशाय यानी नष्ट हो जाता है। इसका योग का मतलब है कि कारक के भाव का नष्ट हो जाना। इस बात को अच्छी तरह से जानते है कि 9 ग्रह 12 राशियों और 12 भावों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में जब कारकों भाव नाशाय योग बनता है, तो यह अपने ही भाव को नुकसान पहुंचाता है।

कब बनता है कारको भाव नाशाय योग?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में कोई ग्रह विशेष भाव में भाव का स्वामी  होता है और वह उसी पर अपनी दृष्टि डालता है, तो कारको भाव नाशाय योग का निर्माण होता है। ऐसी स्थिति में उस भाव का स्वामी अपने ही भाव के लिए हानिकारक साबित होता है।

कारको भाव नाशाय से ये राशियां रहेंगी सबसे अधिक प्रभावित

कर्क राशि

इस राशि में शुक्र पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। बता दें कि इस राशि में चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र है। इसके साथ ही शुक्र की दृष्टि सातवें भाव में होगी। ऐसे में वैवाहिक जीवन में कई तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बेकार के वाद-विवाद करने से बचें। हालांकि, आर्थिक स्थिति पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।

मकर राशि

इस राशि में शुक्र सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं और वह पांचवें और दसवें भाव के स्वामी है। ऐसे में इस राशि के जातकों के वैवाहिक और लव लाइफ पर बुरा असर पड़ सकता है। अपने पार्टनर से किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। लेकिन कोशिश करें कि बात ज्यादा न बढ़ें, क्योंकि इससे आपका रिश्ता टूट सकता है।