Kab Hai Vat Savitri Vrat 2024: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन अच्छा रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पत्र की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। बता दें कि वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या के अलावा पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं इस साल कब है वट सावित्री व्रत? साथ ही जानें महत्व और मुहूर्त….
वट सावित्री व्रत 2024 तिथि (Vat Savitri 2024 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को शाम 07 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 6 जून 2024 को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में वट सावित्री अमावस्या व्रत 6 जून को किया जाएगा।
वट सावित्री व्रत 2024 पूजा समय (Vat Savitri 2024 Puja Samay)
पूजा समय – सुबह 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक
वट सावित्री व्रत 2024 महत्व (Vat Savitri 2024 Importance)
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पतिव्रता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर आ गई थी। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।
शनि जयंती के दिन वट सावित्री व्रत
बता दें कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत के साथ शनि जयंती का व्रत पड़ रह है। ऐसे में इस दिन काली गाय की पूजा अवश्य करें। इसके साथ ही शनिदेव की पूजा करने के साथ सरसों का तेल चढ़ाएं। इसके अलावा छाया दान करें।
क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा?
वट वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसके साथ ही वट की शाखाओं को सावित्री का स्वरूप माना जाता है। इसके अलावा तने में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा जी और शाखाओं में शिव जी का वास होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की वट सावित्री व्रत 2024 कब?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास में दो बार वट सावित्री व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून 2024 को सुबह 07.बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 22 जून को सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है।
पूजा का समय – सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
