Vastu Tips For Belpatra Plant: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह का शुभ या फिर अशुभ असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है। हर एक ग्रह का असर शुभ या फिर अशुभ हो सकता है। इन्हीं नौ ग्रहों में से सबसे क्रूर शनि को माना जाता है। मान्यता है कि कर्मफलदाता शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर एक जातक को अपनी जिंदगी में कभी न कभी शनि की साढ़े साती और ढैय्या का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कुंडली में कुछ ग्रहों की स्थिति सही न होने के कारण पितृदोष का भी सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुंडली से शनि साढ़े साती और ढैय्या से लेकल पितृदोष के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए विभिन्न तरह के उपाय अपनाते हैं। ऐसे में आप चाहे, तो बेलपत्र संबंधी ये उपाय कर सकते हैं।

बेलपत्र शुभ पेड़-पौधों में से एक माना जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। माना जाता है कि भगवान शिव को जल के अलावा बेलपत्र चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और जातक को हर कष्ट से छुटकारा दिलाने के साथ कुंडली में लगे ग्रह दोषों के दुष्प्रभावों को भी कम देते हैं।

बेलपत्र के पौधे में बांधे कलावा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र के पौधे की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसकी पूजा करने से व्यक्ति हर महापापों तक से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही कुंडली में लगे ग्रह दोष के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते हैं। वास्तु के अनुसार, बेलपत्र की जल में लाल रंग का धागा या फिर कलावा बांधना भी शुभ माना जाता है। इस कलावा को आप सावन माह में या फिर किसी भी सोमवार के दिन बेलपत्र के पौधे की विधिवत पूजा करने के साथ बांध सकते हैं। ऐसा करने से शिव भगवान अति प्रसन्न होते है।

बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। नियमित रूप से बेलपत्र चढ़ाने से शनिदोष से लेकर पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है। जानिए बेलपत्र के पेड़ में क्या बांधना होगा शुभ। (PC- iNSTAGRAM/jullie109251)

घर में किस दिशा में बेलपत्र का पौधा लगाना शुभ

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बेलपत्र लगाना शुभ माना जाता है। इस दिशा में लगाने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाने से यश की बढ़ोतरी और उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाने से सुख-शांति बनी रहती है।

राहु का दुष्प्रभाव भी होता है कम

बेलपत्र के पेड़ में लाल रंग का कलावा बांधने से कुंडली में राहु की स्थिति भी मजबूत होती है।

पितृ दोष का प्रभाव होता है कम

बेलपत्र की जड़ में कलावा बांधने और नियमित रूप से जल चढ़ाने से पितृ दोष का प्रभाव कम हो सकता है।