वास्तु शास्त्र या वास्तु विज्ञान हमें सकारात्मक एवं नकारत्मक ऊर्जा की महत्वता के बारे में समझाता है। सकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से घर में खुशहाली आती है वहीं अगर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगे तो दुख और बीमारियां फैलती हैं। ऐसी बुरी ऊर्जा घर में वास्तु दोष को जन्म देती है जिसकी उपस्थिति का अनुमान हर किसी को नहीं होता। वास्तु शास्त्र की एक ट्रिक के अनुसार अगर आप किसी नए घर में या अनजान घर में नवजात शिशु को लेकर जाएं और वह बच्चा घर के मुख्य द्वार से अंदर जाते ही रोने लगता है, तो समझ जाएं कि घर पर वास्तु दोष का साया है। ऐसे घर के सदस्य निराशा, उदासी और दुख से भरे होते हैं। बीमारियां भी इस घर के सदस्यों को जकड़ लेती है। इन सभी से बचने के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर लगी नेमप्लेट किस तरह से हमारे घर में वास्तु दोष को आने से रोकती है।

– नेमप्लेट प्रमुख दरवाजे के बाईं तरफ लगाना शुभ माना जाता है।
– नेमप्लेट को दरवाजे के आधी उंचाई के ऊपर लगाना चाहिए, इसी के साथ ये वृत्ताकार, त्रिकोण और विषम आकृति में हो सकती है।
– वास्तु के अनुसार माना जाता है कि नेमप्लेट के सामने झाडू-पोछा या किसी तरह सफाई का सामान नहीं रखना चाहिए।
-सभी पशु-पक्षी शुभता का संदेश लेकर नहीं आते हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए नेमप्लेट पर किसी तरह के चित्र ना बनवाएं। इससे घर में सुख-शांति रहती है।
– इसी के साथ ध्यान रखें जब नेमप्लेट बनवाने जा रहे हों तो घर के स्वामी के राशि के अनुसार रंग की नेमप्लेट बनवाना वास्तु के अनुसार लाभकारी माना जाता है।

– टूटी- फूटी या किसी तरह के छेद वाली नेमप्लेट कभी नहीं लेनी चाहिए। माना जाता है कि इससे धन की हानि होती है।
– घर के बाहर चाहे छोटी ही लेकिन लाइट होनी चाहिए जो अंधेरा होने पर जला कर रखनी चाहिए।
– नेमप्लेट के साथ में ही क्रिस्टल बॉल भी टांगे, ये घर में आने वाली नकारात्मक शक्तियों को रोकता है।
– कभी भी अपने नाम की पट्टी पर धूल-मिट्टी ना जमने दें और हमेशा उसे साफ करके रखना ही आपके लिए लाभकारी होता है।
– माना जाता है कि नेमप्लेट को घर की बहू से ही लगवाना चाहिए। इसके लिए कहा जाता है कि वो घर में सुख-समद्धि लेकर आती है।