वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी तमाम बातों के बारे में विस्तार से बताया गया है। आज हम जानेंगे कि घर में सीलन आने, धूल होने और जाले बढ़ने के क्या मायने हैं। वास्तु में घर में अचानक सीलन का आना अच्छा नहीं माना गया है। कहते हैं कि इससे घर के लोग बेवजह की मुकदमेबाजी में फंस जाते हैं। लोगों के चेहरे की लालिमा समाप्त हो जाती है और चेहरा पीला पड़ने लगता है। साथ ही घर की आर्थिक स्थिति के कमजोर होने की मान्यता है। घर के सदस्य कर्ज लेने की नौबत में आ जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी घर की सीलन का उल्लेख किया गया है। ज्योतिष के मुताबिक ऐसा कुंडली में शनि की दशा खराब होने की वजह से होता है।
घर में सीलन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए वास्तु में कुछ उपाय भी बताए गए हैं। इसके मुताबिक घर के जिस कोने में सीलन आ रही हो, वहां पर सूर्य की पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही घर में पीले रंग का बल्ब जलाने के लिए भी कहा गया है। वास्तु शास्त्र में घर में अचानक से अधिक मात्रा में धूल आने को भी बुरा माना गया है। कहते हैं कि इस स्थिति में घर के सदस्यों के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है। साथ ही भाइयों में मतभेद हो जाने की बात भी कही गई है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मंगल की दशा कमजोर होने से घर में धूल और गंदगी होने लगती है। इस स्थिति से बचने के लिए मंगलवार के दिन पानी में नमक डालकर पोंछा लगाने के लिए कहा गया है। वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में जाले बढ़ने से परिवार में कलह बढ़ जाती है। साथ ही घर के लोगों को उनके प्रयासों में सफलता नहीं मिलती है। माना जाता है कि इस स्थिति में परिवार को काफी आर्थिक नुकसान होता है। इसलिए घर के जालों को तुरंत हटा देने के लिए कहा गया है।