Tulsi Upay: सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। तुलसी को लेकर मान्‍यता है कि समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका,उससे ही तुलसी की उत्पत्ति हुई। वहीं, दूसरी कथा के अनुसार, जिस स्‍थान पर वृंदा सती हुईं। उसी जगह पर तुलसी का पौधा उत्पन्न हुआ।  इसी के कारण तुलसी के पौधे को पूजनीय, पवित्र और देवी के रूप में माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता वहीं पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है । इसके साथ ही भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।

शास्त्रों में तुलसी के बारे में कई लाभ भी बताए हैं। तुलसी की पत्तियों के बारे में, तो कई उपाय बताए गए है, लेकिन इसकी लकड़ी भी कम कारगर नहीं है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इससे कुछ ज्योतिषीय उपाय करके व्यक्ति अपने भाग्य को चमका सकता है। हर क्षेत्र में सफलता पाने के साथ-साथ सुख-समृद्धि पा सकता है। दुख-दर्द, रोग-दोष से निजात मिल सकती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी की लकड़ी से माला से जाप करने से व्यक्ति को कई कष्टों से निजात मिल जाती है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल स्नान के पानी में करके व्यक्ति दुख-दर्द से निजात पा सकता है।

नहाने के पानी में ऐसे करें तुलसी की लकड़ी का इस्तेमाल

शिवपुराण के अनुसार, तुलसी की लकड़ी को नहाने के पानी में इस्तेमाल करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग जाता है। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ सुख-संपदा की प्राप्ति होती है। तुलसी की लकड़ी को लेकर पहले नहाने के पानी में डाल दें और थोड़ी दर में निकालकर इससे स्नान कर लें या फिर इसे थोड़े से पानी में तुलसी की लकड़ी डाल दें और फिर इसे निकाल लें और स्नान के पानी में मिला लें। इस्तेमाल की जाने वाली तुलसी की लकड़ी को कभी भी बाथरूम में रखें। इसे साथ-सुथरी जगह पर रखें, जिससे इसकी पवित्रता बनी रहे।

शिवपुराण के अनुसार, जिस वर्ष में सोमवती, शनिश्चरी अमावस्या या फिर साल भर की किसी भी अमावस्या को इस उपाय को करता है, तो उसके बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं और किस्मत का पूरा साथ मिलता है। इसलिए तुलसी के पानी से स्नान अमावस्या के दिन करना लाभकारी हो सकता है। 

अगर आपके पास तुलसी की लकड़ी नहीं है, तो आप तुलसी की माला का इस्तेमाल कर सकते हैं।