गुरुवार के दिन बृहस्पतिदेव की पूजा की जाती है। बृहस्पतिदेव भगवान विष्णु के रुप माने जाते हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना गया है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने का विधान भी माना गया है। बृहस्पतिदेव को ज्ञान और बुद्धि के साथ धन, पुत्र और इच्छित फल की प्राप्ति के लिए बृहस्पतिदेव का पूजन किया जाता है। इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही अगर किसी के विवाह में समस्याएं आ रही हों तो उसे भी गुरुवार का व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इस दिन पीले रंग के कपड़ों के साथ पीले फलों का भी महत्व होता है। ये व्रत स्त्रियों के लिए बहुत फलदायी होता है। इस व्रत को कभी भी किसी गुरुवार से शुरु किया जा सकता है। इस व्रत को लगातार सात गुरुवार करने के बाद विधिवत उद्यापन करने से गृह पीड़ा और दोष से मुक्ति मिलती है।

– आर्थिक परेशानी से बचने के लिए गुरुवार के दिन सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद गाय के कच्चे दूध से तुलसी की जड़ में चढ़ाएं। इससे घर की आर्थिक परेशानियां दूर हो सकेंगी और परिवार में मिठास भी बढ़ेगी।
– यदि देव गुरु बृहस्पति की क्रूर दृष्टि है या वो बहुत ही कमजोर है तो हर दिन शिव लिंग पर कनेर का पीला फूल चढ़ाना चाहिए। फूल के साथ थोड़े साबूत चावल भी रखने चाहिए। भगवान शिव का पूजन करने से गुरु के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं।

– गुरुवार को पूजा के बाद केसर का तिलक लगाएं और इसी के बाद किसी भी शुभ काम की शुरुआत करें।
– माना जाता है कि गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए, इसके साथ ही गरीब बच्चों को केले का दान भी करना शुभ माना जाता है।
– गुरुवार के दिन नाखून काटना अशुभ माना जाता है, यदि इस तरह के काम किए जाए तो घर के मुखिया की तरक्की में कमी आने लगती है।