हिन्दू धर्म के मुताबिक हर देवी देवताओं के लिए सातों दिनों में एक दिन का निर्धारण किया गया है यानि कि शास्त्रों के मुताबिक हर वार का अपना अलग-अलग महत्व होता है। सप्ताह के सात दिनों में हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना करने का अपना विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इन्हीं सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और माता संतोषी को समर्पित किया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक शुक्रवार के दिन निष्ठा भावना से मां संतोषी का व्रत एवं पूजन अर्चन करता है, मां संतोषी उनकी समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं। आइए, आज हम आपको व्रत से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।
इस दिन शुरू करें संतोषी माता का व्रत
शास्त्रों के मुताबिक मां संतोषी यानि शुक्रवार का व्रत शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार से प्रारंभ करना उचित रहता है। 16 शुक्रवार का व्रत रखने वाले भक्तों को मां संतोषी सुख और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही जानकारों के मुताबिक पितृपक्ष के दौरान किसी भी नए व्रत की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
इस शुक्रवार से शुरू करें मां संतोषी का व्रत
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक अनुसार हर महीने आने वाली त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखे जाने का विधान है। जब ये त्रयोदशी तिथि शुक्रवार के दिन पड़ती है तो उसे ही शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है।
बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 13 मई, शुक्रवार को शाम 05 बजकर 30 मिनट से होगा। इस तिथि का समापन अगले दिन यानि 14 मई शनिवार को दोपहर 03 बजकर 25 मिनट पर होने वाला है। इसलिए यदि आप शुक्रवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो इस तिथि से आप इस व्रत का शुभारंभ करते हुए मां संतोषी की पूजा-आराधना नियमनुसार कर सकते हैं।
शुक्रवार के व्रत के नियम: हिन्दू धर्म के मुताबिक भक्तों को कभी भी शुक्रवार के दिन मांसाहारी एवं तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही आज के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें, किसी को बुरा भला कहने से भी बचें। संतोषी मां के भक्तों को आज के दिन विशेषकर किसी नारी का भूलवश भी अपमान नहीं करना चाहिए। व्रत के दिन संध्या पूजा के बाद दान करना उचित रहता है।
बता दें कि मान्यता अनुसार मां संतोषी को कमल पुष्प बेहद प्रिय है, वह कमल के फूल पर अपना आसन ग्रहण करती हैं। वैसे भी माता संतोषी को मां दुर्गा के सर्वाधिक शांत एवं कोमल स्वरूपों में से एक माना जाता है। अतः मां संतोषी की पूजा कमल के फूल से करनी चाहिए।