मदन गुप्ता सपाटू
यह बात बेशक अटपटी लगे परंतु ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में हर दिन, हर मास, समय, मुहूर्त, मौसम आदि का हमारे जीवन में अत्यंत महत्व रहता है जिसे ध्यान में रख कर किया गया कोई भी सामान्य या विशेष कृत्य या उपाय अधिक फलीभूत होता है। यदि वर्षा ऋतु में आप घर की नींव खोदें तो परिणाम सोचा ही जा सकता है, इसलिए पंचागों में कुछ विशेष महीनों में नीवारंभ के मुहूर्त नहीं दिए जाते। वास्तु के उपाय इंसान के जीवन में बहुत मायने रखते हैं। यदि वास्तु खराब हो तो सब कुछ अच्छा होते हुए भी भाग्य साथ नहीं देता। वहीं बने बनाए काम, रिश्ते और संबंध बिगड़ने लगते हैं। धन और सम्मान हानि वास्तु के कारण भी होती है। इसलिए सावन मास में वास्तु के कुछ उपाय आपको इन सब परेशानियों से दूर कर सकते हैं। सावन के सोमवार को इन उपायों को अपनाने से आपके घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
रुद्राक्ष
रुद्राक्ष की सीधा संबंध रुद्र अर्थात भगवान शिव से माना जाता है। भगवान शिव स्वयं अपने गले और हाथ में रुद्राक्ष धारण करते हैं। मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन रुद्राक्ष को लाकर, उसे घर के मुख्य कमरे में रखना चाहिए। ऐसा करने से भाग्योदय होता है। घर की आर्थिक परेशानियां समाप्त हो जाती हैं और धन लाभ होता है। यदि आपका मन अशांत रहता हो अथवा आपको ह्रदय से जुड़ी समस्याएं हों तो आपको रुद्राक्ष सावन मास में जरूर धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव भी दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अच्छी सेहत और सौभाग्य के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष में सात मुखी रुद्राक्ष को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। आपको धन से जुड़ी कोई भी समस्या है, तो उसे कम करने के लिए आपको सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए।
गंगा जल
गंगा जी को भगवान शिव अपनी जटाओं में स्थान देते हैं, इस कारण ही उन्हें गंगाधर भी कहा जाता है। सावन के सोमवार को गंगा जल ला कर, इसे रसोईघर में रखना चाहिए। ऐसा करने से घर के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। परिवार का वातावरण सुखद बना रहता है।
चांदी का त्रिशूल
त्रिशूल भगवान शिव का अस्त्र है, पुराणों में इस संसार के समस्त दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का नाशक माना गया है। सावन के सोमवार के दिन घर में चांदी का त्रिशूल ला कर उसे अपने घर मंदिर में या भगवान शिव की मूर्ति के पास रख दें। आपके घर के सारे दुख और कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
नाग-नागिन जोड़ा
भगवान शिव को विषधर भी कहा जाता है। नाग-नागिन को वे आभूषण की तरह अपने शरीर में स्थान देते हैं। सावन के सोमवार पर नाग-नागिन का चांदी या तांबे का बना जोड़ा लाकर घर के मेन गेट के नीचे दबा देना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करने से पहले ही समाप्त हो जाएगी।
अर्धनारीश्वर
इसके लिए शिव प्रतिमा अर्धनारीश्वर स्वरूप में ही लगाएं। सफेद संगमरमर की प्रतिमा अधिक शुभ रहेगी, जिससे घर में पति-पत्नी के संबंध मधुर बने रहेंगे। प्रतिमा को स्थापित करने से अनेक लाभ मिलेंगे। पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा और नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति होगी।
जल स्रोत स्थापित करें
घर के अंदर पूर्व दिशा को विशेष तौर पर साफ सुथरा रखना चाहिए. यहां कोने में कोई जगह बनाकर छोटा सा जल स्रोत रख सकते हैं। यह एक पानी का कृत्रिम फव्वारा या तांबे का जल कलश भी हो सकता है। यदि आपके घर में ऊर्जा कम हो अथवा नकारात्मकता ज्यादा हो तो सावन मास में पूर्व या उत्तर-पूर्व में कोई भी जल का स्त्रोत लगा लें। सावन के महीने में घर की पूर्व दिशा में मिनी वाटर फाउंटेन जीवन में शुभ प्रभाव लेकर आता है। फाउंटेन का पानी उत्तर से पूर्व दिशा में बहता हो। आपको समय-समय पर फाउंटेन का पानी बदलना भी चाहिए ताकि उसमें गंदगी न इकट्ठा हो पाए। गंदगी घर में नकारात्मक ऊर्जा लेकर आती है। आप में गतिशीलता बनी रहेगी और बेहतर निर्णय ले सकेंगे जिससे आपको धन लाभ हो सके।
तुलसी
सावन महीने के दौरान घर के अंदर तुलसी के पौधे को स्थापित करना चाहिए। इसके लिए विशेष दिशा उत्तर तय की गई है। यह मिट्टी के गमले में ही रोपा जाना चाहिए। इससे घर का वातावरण शुद्ध होने के साथ-साथ पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है।
अगर विवाह योग्य तुलसी को हाथ से लगाएं तो मनचाहे वर की प्राप्ति संभव है.
धतूरे का पौधा
सावन के महीने में घर के बाहर धतूरे का पेड़ लगाना भी लाभप्रद है.सावन मास में धतूरे का पौधा लगाने से शत्रु नाश होता है। यदि रोग और दुश्मानों से छुटकारा चाहिए तो सावन में घर के बाहर धतूरे का पौधा लगाना चाहिए। धतूरा भगवान शिव को प्रिय है और इसे लगाने से भय भी दूर होता है।