Bhagwan Shiv ki Puja: मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना करने वाले व्यक्ति को मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव का पूजन समस्त दुखों को हर लेने वाला है। शिव की उपासना करने से भक्तों को शांति और सुकून की प्राप्ति होती है। भगवान शिव का रूप उनके भक्तों को शांति प्रदान करने वाला माना गया है। कहते हैं जो व्यक्ति भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है उसके जीवन से समस्त दुख, दर्द, शोक और चिंताएं दूर हो जाती हैं। सोमवार को शिव की आराधना और अधिक फल देने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित वेद सार शिव स्त्रोत का पाठ भगवान शिव के समक्ष बैठकर करता है। उसके जीवन से सभी परेशानियों का नाश हो जाता है।
आदि शंकराचार्यरचित वेदसार शिव स्तोत्र (Aadi Shankaracharya Shiv Stotra):
पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।।
महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम्।।
गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम्।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम्।।
शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले महेशान शूलिञ्जटाजूटधारिन्।
त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप: प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।।
परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम्।।
न भूमिर्नं चापो न वह्निर्न वायुर्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।
न गृष्मो न शीतं न देशो न वेषो न यस्यास्ति मूर्तिस्त्रिमूर्तिं तमीड।।
अजं शाश्वतं कारणं कारणानां शिवं केवलं भासकं भासकानाम्।
तुरीयं तम:पारमाद्यन्तहीनं प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।।
नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।
नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्।।
प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ महादेव शंभो महेश त्रिनेत्।
शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्य:।।
शंभो महेश करुणामय शूलपाणे गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन्।
काशीपते करुणया जगदेतदेक-स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि।।
त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन।।
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा: रोजाना सुबह शिवलिंग पर जल या दूध से अभिषेक करें, आप चाहें तो पंचामृत स्नान भी करा सकते हैं। इसके बाद भगवान शिव को फूल और श्रीफल चढ़ाएं। इसके उपरांत, संध्या के समय शंकर-शंभू की पंचोपचार पूजा में बेलपत्र, अक्षत, चंदन, मिठाई और धतूरा अर्पित करें।

