सावन का पवित्र महीना चल रहा है। हर तरफ कांवड़िओं की धूम नजर आ रही है। शिवभक्त सावन में भोले बाबा को प्रसन्न करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही कल यानी 9 अगस्त को शिवरात्रि भी है। ऐसे में शिव जी का जलाभिषेक करने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मान्यता है कि शिवरात्रि पर शिव जी का जलाभिषेक करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इन सबके बीच हम आपको एक बड़े ही रोचक शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं। इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि पिछले नौ सालों से इसका जलाभिषेक नहीं किया गया है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि यह शिवलिंग कहां पर है और इसका जलाभिषेक क्यों नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि यह शिवलिंग गुरुग्राम के एक गांव बाघनकी में स्थित है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरियाणा के बाघनकी गांव में सावन आते ही मातम छा जाता है। जी हां, देश के अन्य हिस्सों में लोग सावन आने पर खुशियां मनाते हैं लेकिन इस गांव में ऐसा नहीं है। कहा यह भी जाता है कि इस गांव के लोगों को भगवा रंग से भी नफरत है। बता दें कि यह गांव(बाघनकी) गुड़गांव से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2010 से पहले तक इस गांव में भी सावन की खुशियां मनाई जाती थीं। लेकिन 2 अगस्त 2010 में एक दुखद हादसा हुआ। इस हादसे में एक साथ 10 परिवारों के चिराग बुझ गए। दर्जन भर महिलाएं विधवा हो गईं। दरअसल उस साल 22 युवाओं सहित साथ कुल 24 लोगों का दल कांवड़ यात्रा पर निकला था। यह दल गुप्तकाशी के पास एक सड़क हादसे में मारा गया। इसके बाद से ही लोगों का सावन की शिवरात्रि से मोहभंग हो गया। बताते हैं कि तभी से गांव का मंदिर सूना पड़ा हुआ है और पिछले नौ सालों से किसी ने शिवलिंग का जलाभिषेक नहीं किया।