साल का पहला सूर्य ग्रहण इस हफ्ते की 21 तारीख को लगने वाला है। ये ग्रहण भारत के अलावा, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा। 21 जून को पड़ने वाला ये सूर्य ग्रहण कुंडलाकार है। इस तरह के ग्रहण में सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढ़का हुआ दिखता है। इस कारण ये पूर्ण सूर्य ग्रहण से भिन्न होता है, बता दें कि कुंडलाकार ग्रहण ‘रिंग ऑफ़ फायर’ बनाता है। सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, इससे आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, खगोल प्रेमी इस दृश्य का बेसब्री से इंतजार करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आप इस ग्रहण को कब और कहां देख सकते हैं-

कब दिखेगा सूर्य ग्रहण: देश में सूर्य ग्रहण का प्रारंभ सुबह 10 बजकर 31 मिनट के करीब होगा और इसकी समाप्ति 02 बजकर 04 मिनट पर होगी। ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 33 मिनट की होगी। दोपहर 12:18 बजे के करीब ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में रहेगा। वहीं, ग्रहण का सूतक शनिवार यानि कि 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जायेगा।

क्यों नहीं देखना चाहिए नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण: सूर्य ग्रहण को खाली आंखों से देखना वर्जित माना गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। न केवल ज्योतिषी बल्कि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि सूरज को आमतौर पर भी खाली आंख से नहीं देखना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर लोग डायरेक्ट सूरज को देखेंगे तो आंखों में मौजूद लेंस सूरज की रोशनी को रेटिना पर फोकस कर देगा। ये रोशनी इतनी ताकतवर होती है रेटिना को डैमेज करने में सक्षम है।

कैसे देखें ग्रहण: आप चाहें तो सोलर फिल्टर चश्मे या फिर टेलीस्कोप की मदद से ग्रहण को देख सकते हैं। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैज्ञानिक पिन होल का इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं। पिन होल को आसानी से ग्रामीण इलाकों में भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण देखने के लिए बाजार में कई सर्टिफाइड चश्में उपलब्ध हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान इन चश्मों का इस्तेमाल भी खूब किया जाता है। इसके साथ ही सूर्य ग्रहण देखने के लिए पिनहोल कैमरे भी बनाए गए हैं। इसके अलावा, ग्रहण को देखने के लिए स्पेशल सोलर फिल्टर्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।