Sunela Ratan: रत्न शास्त्र के अनुसार, नवग्रह का कोई न कोई रत्न और उपरत्न मौजूद है। जब किसी जातक की कुंडली में ग्रह की स्थिति कमजोर होती है या फिर किसी प्रकार का दोष होता है, तो ज्योतिषाचार्य रत्नों को पहनने की सलाह देते हैं। इन्हीं रत्नों में से एक सुनहला रत्न। ये रत्न गुरु बृहस्पति का माना जाता है। इसके अलावा इस रत्न को पुखराज का उपरत्न माना जाता है। जो लोग पुखराज रत्न धारण नहीं कर पाते हैं, तो वह सुनहला रत्न धारण कर सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को मान-सम्मान मिलता है। इसके साथ ही पैसों की तंगी से छुटकारा मिल जाता है। जानिए किन राशियों को सुनहला रत्न पहनना हो सकता है लाभकारी।
किन राशियों को पहनना सुनहला रत्न होगा लाभकारी
- रत्न शास्त्र के अनुसार, जिन राशि के जातकों की कुंडली में गुरु की स्थिति खराब होती है, तो उन्हें सुनहला रत्न धारण करना लाभकारी हो सकता है।
- देवताओं के गुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी है। ऐसे में इस राशि के जातक सुनहला रत्न धारण करना लाभकारी सिद्ध होगा।
- रत्न शास्त्र के अनुसार, मेष, कर्क, वृश्चिक और धनु राशि के जातक सुनहला रत्न धारण कर सकते हैं।
- अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति अकारक हो, तो उन्हें इस रत्न को धारण करना चाहिए।
किस धातु में पहनें सुनहला रत्न
सुनहला रत्न के स्वामी गुरु बृहस्पति है। ऐसे में इस रत्न को सोने की धातु में पहनना चाहिए। इसके अलावा पंचधातु, प्लैटिनम और व्हाइट गोल्ड में पहन सकते हैं।
किन अंगुली में पहनें सुनहला रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार, सुनहला रत्न तर्जनी या फिर अनामिका अंगुली में पहनना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
किस दिन धारण करें सुनहला रत्न
पुखराज का उपरत्न सुनहला रत्न है और गुरु बृहस्पति इसके स्वामी है। ऐसे में सुनहला रत्न गुरुवार के दिन पहन सकते हैं।
ऐसे करें सुनहला रत्न का धारण
गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि करके पूजा पाठ कर लें। इसके बाद एक तांबे के पात्र में गाय का कच्चा दूध, गंगाजल,घी, शहद और तुलसी की कुछ पत्तियां डाल दें। इसके बाद इसमें सुनहला रत्न डाल दें। इसके बाद ‘ ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप कर लें। इसके बाद इसे निकाल लें। इसके बाद इसे गंगाजल से धो कर साफ कपड़े से पोंछ लें। फिर इसे धारण कर लें।
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