सूर्य देव 15 जून को अपनी राशि बदलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे, जिससे हर राशि के जीवन के लगभग सभी पहलुओं में कई बदलाव होने की संभावना है। इस गोचर के कारण अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भगवान सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य नीच की स्थिति में हो तो उस व्यक्ति को सबसे अधिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समय के दौरान जातक को विशेष रूप से आंखों की समस्या, मनचाही नौकरी पाने में चुनौतियों आदि का सामना करना पड़ता है। वहीं जब सूर्य कुंडली में उच्च स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। ऐसे लोग जीवन में सभी बाधाओं का निर्भीकता से सामना करते हैं और उनकी रुचि राजनीतिक विषयों में अधिक देखी जाती है।
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी माना जाता है और अब यह आपकी राशि से तीसरे भाव में सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के दौरान मौजूद रहेगा। इसके परिणामस्वरूप, परिवार में आपके अपने पिता के साथ कुछ मतभेद संभव हैं या आपके पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा भाई-बहनों से मिलने वाले सहयोग में भी यह समय कुछ कमी ला सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप उनके साथ अपने संबंध सुधारने की दिशा में अधिक प्रयास करें। साथ ही, आपको अपने भाई-बहनों के स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। वहीं प्रेम संबंधित मामलों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा। लेकिन कार्यस्थल पर आपको पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी।
वृषभ राशि: वृष राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके चतुर्थ भाव का स्वामी है और अब इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करने जा रहा है। ऐसे में इस गोचर काल में आपके परिवार में किसी बात को लेकर कलह होने की संभावना है। इसके अलावा परिवार के सदस्यों के बीच किसी पारिवारिक संपत्ति या संपत्ति को लेकर मतभेद हो सकते हैं।
हालांकि आर्थिक दृष्टि से इस अवधि में आपकी आय में वृद्धि होने की संभावना अधिक रहेगी। ऐसे में अगर आप इस समय किसी संपत्ति या जमीन में कोई निवेश करते हैं तो आपको अच्छा लाभ मिलने के योग बनेंगे। लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। खासकर इस समय जितना हो सके बाहर का खाना खाने से बचें और घर का बना खाना ही खाएं। साथ ही इस समय बासी भोजन से परहेज करना आपके लिए उचित रहेगा।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और अब यह आपकी ही राशि में गोचर कर रहा है। इसलिए यह आपकी राशि से लग्न भाव में अर्थात प्रथम भाव में स्थापित होगा। नतीजतन, सूर्य का यह गोचर आपके स्वभाव में कुछ आक्रामकता लाएगा। प्रेम संबंधों की बात करें तो वे लोग जो प्रेम संबंध में हैं या विवाहित हैं, सूर्य देव की यह स्थिति उनके जीवन में कुछ समस्याओं या विवादों की संभावना भी पैदा करेगी। इसलिए जितना हो सके खुद को शांत रखते हुए हर तरह के झगड़ों से बचने की कोशिश करें। क्योंकि इस समय अनजाने में आपको छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता हुआ दिखाई देगा, जिससे अपनों के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं।
वृश्चिक राशि: जातकों के लिए दशम भाव का स्वामी सूर्य है और अब सूर्य ग्रह के मिथुन राशि में गोचर के दौरान आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। सूर्य का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल रहने वाला है। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य का अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। इसलिए बासी खाना, बाहर का खाना और ज्यादा मसालेदार खाने से बचें, नहीं तो यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
अब आपके आर्थिक पक्ष की बात करें तो इस समय आपको किसी कारणवश कुछ आर्थिक नुकसान के संकेत भी देखने को मिलेंगे। इसलिए इस गोचर के दौरान सभी प्रकार के पैसों का लेन-देन करते समय विशेष सावधानी बरतें। साथ ही इस समय आपको दूसरों के साथ भी किसी तरह की बहस में पड़ने से बचना होगा। वहीं सूर्य देव आपको कार्यस्थल पर अतिरिक्त मेहनत करवाएंगे, क्योंकि इस समय आपको मेहनत के बाद ही हर कार्य में सफलता मिलेगी। इसलिए शुरू से ही अपनी मेहनत और प्रयास जारी रखें।