वास्तुशास्त्र अनुसार घर की सुख समृद्धि में बाधा आने का कारण कई बार गलत वास्तु होता है। इसलिए आज के दौर में कई लोग अपने घर या ऑफिस को वास्तु के अनुसार ही तैयार करते हैं। माना जाता है कि वास्तु सही नहीं होने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसके मुताबिक घर के प्रत्येक हिस्से का अपना एक अलग महत्व होता है। वास्तु विज्ञान में इस बात को बताया गया है कि घर का कौन-सा कोना किस तरह के फल देने वाला होता है। वास्तु के मुताबिक किसी भी घर की उन्नति का सीधा संबंध सीढ़ियों से होता है। हालांकि, अधिकांश समय में लोग सीढ़ियों के निर्माण के वक्त ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी –
गलत जगह होने से समस्याएं देती हैं दस्तक: वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार जिन घरों में सीढ़ियां गलत जगह पर होती हैं, वहां दिक्कतें अचानक ही पैदा होने लगती हैं। उनके मुताबिक घर के अंदर की सीढ़ियां मंगल ग्रह को प्रभावित करती हैं, जबकि बाहर की सीढ़ियों का संबंध शुक्र ग्रह से होता है।
ये होनी चाहिए सीढ़ियों की दिशा: जानकारों के अनुसार सीढ़ियों के निर्माण के समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। उनके मुताबिक नैऋत्य कोण में सीढ़ियां बनाने से सबसे अधिक लाभ होता है। इस दिशा को सीढ़ियों के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इसके अलावा, दक्षिण दिशा की ओर या फिर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर सीढ़ियों का निर्माण भी बेहतर माना जाता है। इसके अलावा, चौड़ी सीढ़ियां, जो रोशनी से भरपूर हों, उन्हें भी अच्छा माना गया है।
इस दिशा में न हों सीढ़ियां: वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो घर के मुख्य दरवाजे के सामने, ईशान कोण या फिर आग्नेय कोण में सीढ़ियों को नकारात्मक माना जाता है। इसके साथ ही, सीढ़ियों के नीचे स्नानघर, स्टोर रूम या फिर किसी भी तरह की पानी जैसी चीजें नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही सीढ़ियों के नीचे मंदिर का निर्माण भी कतई नहीं करना चाहिए।
सीढ़ियों का रखें ये रंग: जानकारों के अनुसार सीढ़ियों के रंग सफेद रखने को सबसे उचित बताया गया है। वहीं, सीढ़ियों से सटे दीवार पर लाल रंग से स्वास्तिक बना दें। इसके अलावा, जिस स्टेप से सीढ़ी की शुरुआत और अंत हो, उन पर हरे रंग का डोरमैट रख दें।
