हस्तरेखा शास्त्र में हथेली पर स्थित पर्वतों के बारे में बताया गया है। जिसमें से एक बृहस्पति पर्वत भी है। हथेली में यह तर्जनी अंगुली यानि इंडेक्स फिंगर के नीचे का क्षेत्र होता है। हस्तरेखा के अनुसार बृहस्पति पर्वत व्यक्ति के ज्ञान, अध्यात्म, महत्वाकांक्षा और नेतृत्व क्षमता का कारक होता है। इसके अलावा यह पर्वत ये बताता है कि किसी व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य क्या है? साथ ही इन पर्वतों को देखकर किसी भी व्यक्ति के अंदर मौजूद दैविक ऊर्जा का पता लगाया जा सकता है। क्या आप इस बात से परिचित हैं कि हथेली के बृहस्पति पर्वत पर बनने वाले खास चिह्न क्या संकेत देते हैं? यदि नहीं तो चाहिए हम आपको बताते हैं कि बृहस्पति पर्वत पर बने विभिन्न प्रकार के चिह्न क्या दर्शाते हैं?
स्टार: बृहस्पति पर्वत पर बना स्टार का चिह्न यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितना निपुण और सफल होगा। इसके अलावा स्टार का निशान यह भी बताता है कि कोई व्यक्ति कितनी अधिक उत्तेजना वाला है।
क्रॉस: बृहस्पति पर्वत पर क्रॉस का चिह्न रुकावट का कारक माना गया है। यह चिन्ह यह दर्शाता है कि व्यक्ति को उसके जीवन में नए काम को लेकर कई प्रकार की रुकावटें आने वाली हैं।
वर्ग: हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक वर्ग का चिह्न व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है। यदि यह चिन्ह बृहस्पति पर्वत पर है तो ये गुरु ग्रह से संबंधित प्रोटेक्शन प्रदान करेगा। जातक को नेतृत्व क्षमता में रुकावट पैदा नहीं होने देता।
त्रिशूल: हस्तरेखा शास्त्र यह कहता है कि जिस जातक की हथेली में त्रिशूल का चिह्न होता है उसके अंदर एक प्रकार की विशेष क्षमता होती है। जब चिन्ह बृहस्पति पर्वत पर होता है तो यह व्यक्ति की किसी असाधारण क्षमता या गुण को दर्शाता है।
त्रिकोण: हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो यह चिह्न व्यक्ति की बुद्धि और उसकी बौद्धिक क्षमता को दर्शाता है। इसके अलावा यह जातक के ज्ञान के बारे में भी बताता है। साथ ही बृहस्पति पर बना त्रिकोण किसी व्यक्ति की राजनीतिक क्षमता को भी दर्शाता है।