Som Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत हर माह में दो बार आता है, एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर। प्रदोष व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, जनवरी का दूसरा और आखिरी प्रदोष व्रत 27 जनवरी दिन सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा। आपको बता दें कि प्रदोष व्रत की पूजा शाम में की जाती है। ऐसे में अगर आप इस दिन पूजा के दौरान नटराज स्तुति का पाठ करेंगे तो इससे भगवान शिव की विशेष कृपा बरसेगी।
।। नटराज स्तुति पाठ।। (Natraj Stuti)
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः ।
हे आद्य गुरु शंकर पिता
नटराज राज नमो नमः ॥
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्माडना ।
नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नमः ॥
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा
चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां ।
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः ॥
तवशक्ति वामांगे स्थिता
हे चंद्रिका अपराजिता ।
चहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः ॥
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