Surya Grahan 2018/Solar Eclipse 2018 Sutak Timing: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा के दिन खग्रास चंद्रग्रहण होने वाला है। इस साल कुल दो चंद्रग्रहण हैं। ये चंद्रग्रहण करीब 77 मिनट तक रहेगा। खगोल शास्त्र के अनुसार चंद्रगहण तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है और पृथ्वी चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य किरणों को रोकती है और अपनी छाया का निर्माण करती है। साल 2018 के पहले ग्रहण को वैज्ञानिकों द्वारा ब्लड ब्ल्यू मून की संज्ञा दी गई है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है इस समय में कई कार्यों को करना अशुभ तो कई कार्यों को करना शुभ माना जाता है। बालक, वृद्ध और रोगियों के लिए सूतक काल नहीं माना जाता है।

चंद्र ग्रहण के समय सभी मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और किसी भी प्रकार की पूजा का विधान नहीं किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में साग-सब्जी काटना और विश्राम नहीं करना चाहिए। मेष राशि के लोगों को मसूर की दाल, सिंदूर, लाल फूल, सूखा नारियल और काले तिल को लाल कपड़े में बांधकर दान करना चाहिए। ग्रहण के नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए सूखे नारियल को काले कपड़े में बांधकर 7 जायफलों, 14 लौंग, 14 इलायची, 250 ग्राम लोहा, 750 काली उड़द की दाल, चायपत्ती को बांधकर परिवार के हर व्यक्ति के सिर से 7 बार फेरने के बाद किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख देना भी लाभकारी माना जाता है।

ग्रहण खत्म होने के बाद सबसे पहले मंदिर और घर को साफ करें। स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और घर के बड़ों का आशीर्वाद लें और पितरों का नाम लेकर अन्न दान करना लाभकारी होता है। ग्रहण के समय पहने हुए कपड़े गरीबों को दान करने चाहिए और भगवान शिव की आराधना करना लाभदायक माना जाता है। सूतक काल खत्म होने के बाद गंगाजल से घर और मंदिर में स्थापित मूर्तियों को शुद्ध करना चाहिए। तुलसी के पौधे पर भी गंगाजल डालकर उसे पवित्र करना चाहिए। धूप और अगरबत्ती से पूजन करें जिससे नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाएं।