Singh Sankranti 2023: सूर्य देव को ग्रहों का राजा के साथ-साथ संसार की आत्मा कहा जाता है, क्योंकि वो दुनिया को जीवन प्रदान करते हैं। सनातन धर्म में सूर्यदेव को पूजनीय माना जाता है। जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसका असर देश-दुनिया में काफी पड़ता है। बता दें कि सूर्य करीब 30 दिनों के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। इसके साथ ही जिस राशि में प्रवेश करते हैं उस राशि का नाम संक्रांति से पहले जुड़ जाता है। ऐसे ही सूर्य अपनी स्वराशि सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इस सिंह संक्रांति कहा जाएगा। सिंह संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कुछ कामों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि सिंह संक्रांति के दिन कौन से कार्य करना होगा लाभकारी।

सिंह संक्रांति 2023 तिथि और समय (Singh Sankranti 2023 Date And Time)

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य 17 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सिंह संक्रांति 17 अगस्त को है।

सिंह संक्रांति 2023 मुहूर्त (Singh Sankranti 2023 Muhurat)

सिंह संक्रान्ति पुण्य काल – सुबह 06 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट
अवधि – 07 घण्टे 00 मिनट्स

सिंह संक्रान्ति महा पुण्य काल – सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट

सिंह संक्रांति का महत्व (Singh Sankranti 2023 Significance)

सिंह संक्रांति का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपनी ही राशि में प्रवेश करते है। इसे घी संक्रांति, सिंह संक्रमण जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने के साथ विष्णु जी और भगवान नरसिंह की पूजा करने के विधान है।

सिंह संक्रांति 2023 पर करें ये काम (Do These Things In Singh Sankranti)

  • सिंह संक्रांति के दिन पवित्र नदियों का स्नान करना शुभ माना जाता है। अगर आप नहीं जा सकते हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद भगवान सूर्य की विधिवत पूजा करना चाहिए। तांबे के लोटे में जल में थोड़ा सा सिंदूर, कुमकुम और एक लाल फूल डालकर अर्घ्य देना चाहिए।
  • भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम: या ॐ आदित्याय विद्महे सहस्र किरणाय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् मंत्र का जाप करें।
  • सूर्य की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु और नरसिंह देव की विधिवत पूजा करें।
  • सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन जरूर करें। ऐसा करने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
  • सूर्य संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन जरूरतमंद या फिर गरीब व्यक्ति को अनाज, वस्त्र आदि जरूर दें।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।