Shri Suktam Path: आज के समय हर किसी की चाहत होती है कि उसके पास पैसों की बिल्कुल भी कमी न हो। इसके लिए कड़ी मेहनत करने के साथ-साथ कई तरह के उपायों को करता है, जिससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त हो जाए। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपायों, मंत्रों, चालीसा आदि का पाठ करते हैं। ऐसे में आप चाहे, तो श्री सूक्तम का पाठ कर सकते हैं। इसे श्री सूक्त भी कहा जाता है। इसमें मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के 16 श्लोक दिए गए हैं। इन्हें पवित्र हिंदू ग्रंथ ऋग्वेद में महान ऋषियों द्वारा वर्णित किया गया है। माना जाता है कि इन चमत्कारी श्री सूक्त का पाठ करने से धन-समृद्धि, आनंद, वैभव की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं श्री सूक्तम पाठ करने का तरीका और किन नियमों का करना चाहिए पालन।
क्या है श्री सूक्तम?
श्री सूक्त मां लक्ष्मी की आराधना के लिए मंत्र है। इसे लक्ष्मी सूक्तम भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, संस्कृत में मां लक्ष्मी को ‘श्री’ भी कहा गया है जिसका अर्थ है सभी शुभ गुणों का अवतार। श्री सूक्त ऋग्वेद का खिल सूक्त है, जो पांचवें मंडल के अंत में मिलता है। इसमें मंत्रों की संख्या पंद्रह है। इसके साथ ही सोलहवें मंत्र में फलश्रुति है।
श्री सूक्त का पाठ करने से होगी धन वैभव की प्राप्ति
श्री सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति को समृद्धि, स्वास्थ्य, धन, आनंद की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी की कृपा से दरिद्रता, कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है। इसके साथ ही जो व्यक्ति इसका पाठ सही तरीके करता है, तो वह कभी भी गरीबी का सामना नहीं करता है।
कैसे करें श्री सूक्तम का पाठ?
घर के सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण कर लें। फिर मां लक्ष्मी का ध्यान करके आसन में बैठ जाएं। इसके बाद देवी लक्ष्मी की षोडशोपचार पूजन करें। इसके साथ ही घी का दीपक जलाएं और फिर श्री सूक्तम का पाठ कर लें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
किस दिन करें श्री सूक्तम का पाठ?
शास्त्रों के अनुसार, रोजाना श्री सूक्तम का पाठ करना लाभकारी होता है। अगर आप रोजाना नहीं कर सकते हैं, तो मां लक्ष्मी को समर्पित दिन शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य करना चाहिए।