Shrapit Dosh: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति, बदलाव से कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। लेकिन बात जब सबसे क्रूर ग्रह की होती है शनि को कहा जाता है, क्योंकि शनि की महादशा या साढ़े साती होने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न होती है। इसके साथ ही पापी ग्रह राहु-केतु भी जीवन पर बुरा असर डालते हैं। ऐसे में जब राहु और शनि ग्रह दोनों एक साथ होते है, तो इसका प्रभाव से बना श्रापित दोष जब किसी जातक की कुंडली में पड़ता है, तो इसे पूरी जिंदगी तहस-नहस हो जाती है। जानिए श्रापित दोष के बारे में सबकुछ।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रापित दोष कुंडली में आपके पिछले जन्म में किए गए गलत कार्यों के कारण लगता है। ऐसे में अगर कोई जातक समय रहते श्रापित दोष से नकारात्मक प्रभावों को कम करने का उपाय नहीं करता है, तो सोना, बैठना, खाना तक मुश्किल हो जाता है।

क्या है श्रापित दोष?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में श्रापित दोष तब बनता है, जब कुंडली में राहु और शनि ग्रह कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें घर में युति करते हैं। ऐसे में व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

श्रापित दोष का प्रभाव

  • अगर किसी जातक की कुंडली में श्रापित दोष है,तो उसे हमेशा आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • श्रापित दोष होने पर बिजनेस में लगातार घाटा होता है और कभी भी तरक्की नहीं होती है।
  • श्रापित दोष अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में है, तो वह खुद बीमार रहता है या फिर घर का कोई न कोई सदस्य बीमार बना रहता है।
  • वैवाहिक जीवन में कलह मची रहती है और कभी भी सुख की प्राप्ति नहीं होती है। कई बार रिश्ता टूटने तक की नौबत आ जाती है।
  • श्रापित दोष होने पर जातक संतान सुख से वंचित रह जाता है।
  • श्रापित दोष कुंडली में होने से दोस्तों से ज्यादा दुश्मन बनते है्ं। ऐसे में कोर्ट-कचहरी के अधिक चक्कर लगाने पड़ते हैं।
  • कुंडली में श्रापित दोष होने से लिखाई-पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है।
  • अगर किसी जातक की कुंडली में श्रापित दोष होता है, तो अन्य शुभ दोष भी कमजोर पड़ जाते हैं। जिसके कारण शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है।

श्रापित दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय

  • अगर आपकी कुंडली में श्रापित दोष है, तो मंगलवार और शनिवार के दिन मौन व्रत रखें। इसके साथ ही चावल बनाकर इसमें घी मिलाकर गाय, मछली और कौआ को खिलाएं।
  • कुंडली में राहु और शनि ग्रह को शांत करके श्रापित दोष से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए आप रत्न को धारण कर सकते हैं।
  • रोजाना शिव मंदिर जाएं और जल में थोड़ा सा दूध और हल्दी मिलाकर शिवलिंग में अर्पित करें।
  • शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के साथ सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही तिल, उड़द, सरसों का तेल आदि का दान करें।
  • शनिवार और मंगलवार के दिन जरूरतमंद और गरीब लोगों को अन्न, कपड़े आदि का दान करें।
  • शनिवार के दिन राहु और शनिदेव को उड़द की दाल अर्पित करें। ऐसा करने से श्रापित दोष का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
  • शनिवार के दिन भगवान शनि के साथ हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

शापित दोष क्या होता है?

जब कुंडली में शनि और राहु ग्रह एक ही घर में होते हैं, तो जातक की कुंडली में शापित दोष लगता है।

कितने समय तक रहता है श्रापित दोष का प्रभाव?

श्रापित दोष का प्रभाव पिछले जन्म के गलत कर्मों के हिसाब से होते है। ऐसे में आपने जितने पिछले जन्म में गलत काम किए होंगे। उसी के अनुसार आपको फल मिलेगा।

शापित दोष का क्या होता है बुरा प्रभाव?

कुंडली में श्रापित दोष होने से जातक हमेशा आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, पारिवारिक और मानसिक समस्याओं से घिरा रहता है।