Shiv Puja: हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि अगर किसी साधक के ऊपर भोलेनाथ की कृपा हैं, तो उसे हर तरह के कष्टों से निजात मिल जाती है और हर इच्छा पूरी हो जाती है। सप्ताह का सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा हर मास की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि के दिन भी भोलेनाथ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से भगवान को सिर्फ जल चढ़ा दें, तो वह अति प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। शिवलिंग में जल चढ़ाने के कई नियमों के बारे में सुना होगा कि किस तरह से जल अर्पित करने के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक का फूल आदि चढ़ाएं। लेकिन क्या आप जानते हैं शिवलिंग की इन 3 जगहों को छुने यानी स्पर्श मात्र से आपको हर रोग-दोष और भय समाप्त हो जाते है। इसके साथ ही विवाह और संतान प्राप्ति में आ रही समस्याएं खत्म हो जाती है। आइए जानते हैं कि शिवलिंग की किन जगहों का स्पर्श करना शुभ होगा।
शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग में सिर्फ भगवान शिव की विराजित नहीं होती है। बल्कि इसमें मां पार्वती के साथ गणेश जी, कार्तिकेय जी के साथ उनकी पुत्री अशोक सुंदरी भी विराजित हैं। ऐसे में शिवलिंग में जल चढ़ाने से इन सभी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इन 3 जगहों पर शिवलिंग को करें स्पर्श
शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग में जल चढ़ाने के साथ अपनी हाथों से इन तीन जगहों को छूना चाहिए।
पहली जगह- जलाधारी में आगे की तरफ
शिवपुराण के अनुसार, जलाधारी में आगे की ओर जो पैरों की तरह नजर आते हैं। वहां पर कार्तिकेय और गणेश जी विराजमान हैं। ऐसे में जल चढ़ाने के बाद दोनों ओर 5 से 7 बार अपने हाथों से दबाना चाहिए। जैसे आप किसी के पैर दबा रहे हैं। दबाने के बाद अपने हाथों को अपने उदर में लगाना चाहिए और ‘श्री शिवाय: नमस्तुभ्यं’ या ऊ नम शिवाय: मंत्र को बोलना चाहिए। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा गर्भ में अगर बच्चे को कोई बीमारी या समस्या है, तो उसे जल्द ही इनसे निजात मिल जाती है।
दूसरा स्थान- जहां से जल प्रवाहित होता है
शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग में जल चढ़ाते समय जहां से जल प्रवाहित होता है। जलाधारी के इस बीच के स्थान में शिव जी की पुत्री अशोक सुंदरी विराजमान है। इस स्थान पर बेलपत्र छुआ कर शिवलिंग में चढाएं। इसके बाद इस स्थान को स्पर्श करते हुए अपनी कामना कहें और शिव मंत्र को बोले। इस जगह को स्पर्श करने से विवाह में आने वाली समस्याओं से निजात मिल जाती है। इसके साथ ही मांगलिक सहित अन्य दोषों से भी छुटकारा मिल जाता है और अच्छी जगह विवाह होता है।
तीसरा स्थान- जलाधारी के पीछे का गोल स्थान
जलाधारी के पीछे के गोल स्थान को मां पार्वती का हस्त कमल माना जाता है। इसके बाद अपने हाथों से इस स्थान को स्पर्श करें और भोलेनाथ से हर बीमारी से दूर करने की प्रार्थना करते हुए शिव मंत्र पढ़ें। कहा जाता है कि इस स्थान को दबाने से व्यक्ति को गंभीर से गंभीर बीमारी से निजात मिलने के साथ हर समस्या दूर हो जाती है।
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