Shattila Ekadashi Kab Hai Jaya Ekadashi Kab Hai: हिंदू धर्म में माघ मास का विशेष महत्व है। साथ ही माघ मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी महीना माना जाता है, जिसमें पवित्र नदियों में स्नान, दान, तप और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है, जिससे सभी पापों का नाश होता है, सुख-समृद्धि आती है। वहीं इस महीने व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।  वहीं आपको बता दें कि इंद्र देव ने भी माघ मास में गंगा स्नान करके गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाई थी। यहां हम बात करने जा रहे हैं माघ मास में पड़ने वाली एकादशियों के बारे में आपको बता दें कि इस साल जनवरी के महीने में 2 एकादशी व्रत पड़ रहे हैं। इस महीने षटतिला एकादशी और जया एकादशी पड़ रही हैं। इन एकादशियों पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। जिससे इनका महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…

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षटतिला एकादशी 2025 (Shattila Ekadashi Kab Hai)

वैदिक पंचांग के मुताबिक माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 13 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से होगा। इस तिथि का अंत 14 जनवरी को शाम 05 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत 14 जनवरी को रखा जाएगा

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त 2025

इस एकादशी के दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इन दोनों योग में पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।

षटतिला एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही इस दिन तिल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।

जया एकादशी 2026 (Jaya Ekadashi 2026)

पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली एकादशी जिसे जया एकादशी के नाम से जाना जाता है, वह साल 2026 में 29 जनवरी 2026, गुरुवार को पड़ेगी।

जया एकादशी का शुभ मुहूर्त

जया एकादशी के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग सुबह 7 बजकर 11 से आरंभ हो रहा जो सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा।

जया एकादशी का महत्व

इस एकादशी को भीष्म एकादशी या भूमि एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत करने से साधक को विष्णु जी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन गंगा स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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