Shardiya Navratri Paan Ke Patte Ke Upay: शारदीय नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर से हो चुका है, जो 2 अक्टूबर को दशमी तिथि के साथ समाप्त हो रहे हैं। करीब 27 साल बाद ऐसा हो रहा है जब नवरात्रि पूरे 10 दिनों के पड़ रही हैं। ऐसे में मां दुर्गा की आराधना के लिए कुल 10 दिन मिलने वाले हैं। मां दुर्गा के साथ उनके नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इन खास उपायों को कर सकते हैं। पान के पत्ते से जुड़े इन को करने से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त हो सकती है। इसके साथ ही जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है। आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए पान से संबंधित कौन से उपाय करना होगा शुभ…
आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए
नवरात्रि की शुरुआत से लगातार 5 दिनों तक रोज़ाना मां दुर्गा को एक पान का पत्ता चढ़ाएं। पत्ता चढ़ाने से पहले उस पर मां दुर्गा का बीज मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” या केवल “ह्रीं” लिखें। पांचवें दिन सभी पत्तों को इकट्ठा कर लाल कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रखें।
नौकरी और व्यापार में सफलता के लिए
यदि नौकरी में अड़चनें आ रही हों या व्यापार में घाटा हो रहा हो, तो नवरात्रि के दिनों में शाम के समय मां दुर्गा को पान का बीड़ा अर्पित करें। इससे कार्यक्षेत्र में लाभ और सफलता प्राप्त होगी।
हर क्षेत्र में सफलता के लिए
एक पान के पत्ते पर दोनों ओर सरसों का तेल लगाकर शाम को मां दुर्गा को अर्पित करें। रात को सोते समय यह पत्ता अपने पास रखें और अगले दिन इसे किसी दुर्गा मंदिर के पीछे रख दें। यह उपाय जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा को पान के पत्ते में थोड़ी सी केसर रखकर अर्पित करें। साथ ही दुर्गा स्तोत्र और दुर्गा नामावली का पाठ करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मकता का संचार होगा।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 28 सितंबर को तुला राशि में रहकर मंगल दिग्बली होने वाले हैं। ऐसे में कुंभ राशि में मौजूद राहु और मिथुन राशि में मौजूद गुरु एक-दूसरे से त्रिकोण में होंगे, जिससे काम त्रिकोण नामक योग का निर्माण होगा। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।