Shani Sade Sati Ke Upay: शनि साढ़ेसाती का प्रभाव हमेशा नकारात्मक ही सोचा जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि शनि साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को वैसा ही फल प्राप्त होता है, जैसे उसे कर्म होते हैं।

कहा जाता है कि शनि साढ़ेसाती के नकारात्मक फल (Negative Effects of Shani Sade Sati) प्राप्त होने पर ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपाय अपनाने चाहिए। बताया जाता है कि शनि साढ़ेसाती के अचूक उपाय करने से शनि साढ़ेसाती के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के विद्वान बताते हैं कि श्रद्धा से शनि साढ़ेसाती के उपाय किए जाएं तो प्रकोपों से मुक्ति मिल सकती है।

शनि साढ़ेसाती के उपाय (Shani Sade Sati Ke Upay)
शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनिदेव का ध्यान करें। फिर एक दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं। कहा जाता है कि हर शनिवार या अमावस्या के दिन यह उपाय करने से बहुत जल्द शनि साढ़ेसाती के प्रकोपों से मुक्ति मिल सकती है।

सवा किलो की मात्रा में सात तरह का अनाज लें। अब इस अनाज को सात बार अपने सिर से घुमाएं। इसके बाद यह अनाज पक्षियों को डाल दें। ध्यान रखें कि ऐसा अनाज आवारा पक्षियों को ही डाला जाता है।

शनिवार की शाम कुष्ठ रोगियों को काले रंग का पेय पदार्थ दान करें। संभव हो तो काला कपड़ा, लौहे की कील, उड़द की दाल और काले तिल का भी दान करें।

हर शनिवार शनिदेव के प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करें। साथ ही उन्हें काले रंग का कपड़ा भी चढ़ाएंं। यह उपाय अत्यंत सरल और प्रभावशाली है।

शरीर के ऊपरी हिस्से पर काले रंग का कपड़ा न पहनें। बाएं पैर में काले रंग का धागा पहनने से भी फायदा हो सकता है।

एक मुट्ठी काले तिल लें। इन्हें एक काले कपड़े में बांधकर सात बार अपने सिर से घुमाकर साफ-बहते पानी में प्रवाहित कर दें। कहा जाता है कि यह उपाय बहुत असरदार होता है।

कुष्ठ रोगियों को हर शनिवार काले रंग का कोई कपड़ा या रुमाल दान करें। संभव हो तो इसके साथ कुछ पैसे भी दान करें।