Shani Sade Sati 2020: शनि 24 जनवरी से मकर राशि में गोचर हैं। शनि के मकर राशि में आते ही कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती के पहले चरण की शुरुआत हो गई थी तो वहीं मकर और धनु वाले इसके प्रभाव में पहले से ही थे। मकर वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा तो धनु वालों पर इसका पहला चरण चल रहा है। शनि ढैय्या की बात करें तो मिथुन और तुला वाले इसके प्रभाव में हैं। जानिए शनि दोष से पीड़ित जातकों को सावन शनिवार के दिन क्या करना चाहिए…

शनि साढ़े साती और ढैय्या के उपाय: सावन महीने के दो शनिवार शेष हैं। शनिवार के दिन शनि पूजा करना बेहद ही फलदायी बताया गया है। खासकर सावन के महीने में आने वाले शनिवार शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण माने गये हैं। 25 जुलाई शनिवार के दिन नाग पंचमी भी पड़ रही है। जिस कारण इस दिन शनि के कुछ उपाय शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं।

– सावन के आखिरी दो शनिवार पर महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया दशरथ स्तोत्र का पाठ करें। कहा जाता है कि शनि महाराज ने स्वयं दशरथ जी को वरदान दिया था कि जो व्यक्ति आपके द्वारा लिखित स्तोत्र का पाठ करेगा उसे मेरी दशा के दौरान किसी भी तरह के कष्टों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

– कहा जाता है शनि महाराज शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं। इसलिए इस दिन जल में चीनी और काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ को अर्पित कर पेड़ की तीन परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है। शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि वैदिक मंत्र ‘ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न:।’ का जाप करना चाहिए।

– शनि का पौराणिक मंत्र ‘ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम।’ का जाप शनिवार के दिन कम से कम 108 बार करें इससे शनि के प्रकोप में कमी आती है। शनि दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन उड़द की दाल से बनी खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।

– कहा जाता है कि शिव की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसलिए सावन शनिवार के दिन शिव चालीसा का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इससे शनि दोष शीघ्र ही दूर हो जाते हैं। शनिवार के दिन काला कपडा, काले तिल, काली दाल, लोहे के सामान, कम्बल आदि का दान करना भी फलदायी बताया गया है।

– संभव हो तो शनिवार को शनि मंदिर जरूर जाएं और सरसों के तेल और काले तिल से शनि देव की पूजा करें। सावन के आखिरी शनिवार को घर में शनि यंत्र की स्थापना करके इसकी पूजा कीजिए।

ऐसे बचें शनि की साढ़े साती से: बुरा न बोलें, न सोचें, सबके लिए अच्छा करें, जरूरतमंद की मदद करें। ऐसा करने से भी शनि की अच्छी दृष्टि बनती है। शराब तथा अन्य नशे से दूरे रहें। किसी का दिल न दुखाएं। महिलाओं का आदर करें। भैरवजी की उपासना करें और शाम के समय काले तिल के तेल का दीपक जलाएं और शनि दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। किसी धार्मिक कार्यक्रम में ईधन जैसे लकड़ी, कोयला आदि दान करें। समय समय पर शनि मंदिर में दान करें।